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पाठ 3 : पहले तीन दिन

आइये एक साथ बाइबिल का पहला अध्याय पढ़ें। यह सबसे सुंदर चीज़ है जो किसी भी भाषा में नहीं लिखी गयी और सबसे अच्छी बात यह है कि यह सच है!

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पाठ 4 : निर्माण के चौथे और पांचवां दिन

पहले तीन दिन परमेश्वर ने सुंदरता को उंडेलते हुए प्रकाश और आकाश और भूमि और समुद्र को तैयार किया। उन्होंने वो सभी घास और वृक्ष बनाये जो पृथ्वी को नरम और सुंदर बनाते हैं। जब हम निर्माण की कहानी को पढ़ते हैं तो यह कितना आश्चर्यजनक लगता है की उसके लिए यह सब कर पाना कितना सरल है!

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पाठ 6 : स्वर्ग: उसे कैसा होना था

आइये इस बात पर सोचें कि परमेश्वर ने पहला मनुष्य बनाते समय एक पल के लिए क्या किया होगा। यह इतनी अद्भुत और आश्चर्यजनक बात है कि हमें ज़रुरत है कि इन बातों पर एक बार फिर सोचें। इन सब बातों को अपने अंदर समाने में वक़्त लगता है क्यूंकि अब सब कुछ कितना भिन्न हो चुका है।

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पाठ 7 : सब्त और वर्जित फल

निर्माण के छठे दिन परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया। एक बार मनुष्य के दुनिया में लाने के बाद, ब्रह्मांड पूरा हो गया। फिर शक्तिशाली परमेश्वर ने एक उल्लेखनीय काम किया।

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पाठ 8 : मानवता का चुनाव

परमेश्वर ने पहले मनुष्य को एक विकल्प दिया था। वह परमेश्वर किआज्ञाओं को अपने निरंतर प्रेम और भक्ति द्वारा दिखा सकता था। हर दिन, जब तक वह परमेश्वर द्वारा वर्जित फल को नज़रअंदाज़ करता था, परमेश्वर के प्रति उसकी आज्ञाकारिता चमकती रही जो उसके पहले प्रेम को दर्शाता था।

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पाठ 9 : पतन

आदम और हव्वा एक साथ बगीचे में रहते थे। वह उसकी अनमोल सहायक और साथी थी। उस भव्य,विशाल पेड़ों और कोमल सूरज की रोशनी के बीच बिताये जीवन किकल्पना कीजिए! वे एक गहरे और भावुक प्रेम को अपनी मासूमियत और पवित्रता में साझा किया करते थे।

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पाठ 10 : अभिशाप

परमेश्वर ने अपनी छवि में आदम और हव्वा को बनाया था, और अब यह टूट गया। यह उनके पाप के कारण बिखर गया था। परमेश्वर के साथ उनका विश्वास टूट गया था, और अब बुराई का बोझ उन पर था। वे दुष्टता की चाहत से बच नहीं सकते थे। वे ग़ुलाम हो गए थे।

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पाठ 11 : वाटिका के बाहर का जीवन: कैन और हाबिल

आदम और हव्वा खुद पर और दुनिया पर एक भयानक अभिशाप ले कर आये। वे पाप के बंधन में थे। लेकिन आदम को अभी भी भरोसा था। उसने अपनी पत्नी को देखा और उसका नाम हव्वा रखा जिसका अर्थ है "जीवित।" उनके बग़ावत के बावजूद, आदम को यह विश्वास था की परमेश्वर उसकी पत्नी और उनके प्रेम के द्वारा जीवन लाएगा।

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पाठ 12 : आदम से नूह तक

नोद में जाकर कैन ने एक शहर का निर्माण किया। यह वास्तव में एक किले कि तरह था। दूसरों की हिंसा से बचने के लिए यह स्थान उसके लिए संरक्षण था। अभिशाप पूर्ण प्रभाव में था, और मनुष्य के जीने के लिए यह एक हिंसक और खतरनाक जगह बन गई थी।

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पाठ 16 : वाचा और विद्रोह

परमेश्वर ने एक उल्लेखनीय काम किया। उन्होंने नूह और उसके पुत्रों के साथ एक विशेष वाचा या वादा किया। उन्होंने कहा, "तुम मुझ पर भरोसा कर सकते हो की मैं ऐसा फिर कभी नहीं करूंगा। मानवजाति हर एक गिरती बारिश को यह ना समझे की न्याय आ गया है।

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