मिलापवाले तम्बू के पर्व के तीन महीने बीत चुके थे और अब समर्पण के पर्व का समय आ गया था।एक बार फिर, सभी तीर्थयात्त्री इस्राएल देश से यरूशलेम को यात्रा के लिए जाएंगे। पिछले पर्व की घटनाएं अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा थीं।
Read Moreपेरा जाने के लिए यीशु येरूशलेम और यहूदी के क्षेत्र को छोड़ कर यात्रा पर निकल पड़े। समर्पण का पर्व खत्म हो चूका था, और साढ़े तीन महीने तक यीशु येरूशलेम को वापस नहीं आएगा। वहाँ बहुत अधिक खतरा था। यहूदी यीशु को मारना चाहते थे, और जो वक़्त परमेश्वर पिता ने यीशु को नियुक्त किया था जब उसे अपने प्राण देने होंगे, वो वक़्त अभी नहीं आया था।
Read Moreधार्मिक अगुवे यीशु से परेशान थे कि वह पापियों और चुंगी लेनेवालों के साथ अपना समय बिताया करता है। वे यह नहीं देख पा रहे थे कि उनके घमंड और द्वेष के कारण वे इतने झुके और बिगड़े हुए कैसे हो सकते हैं।
Read Moreयीशु जब पेरी से जा रहे थे, उसने अपने चेलों को और सिखाया कि उसके पीछे चलने का मतलब क्या है। उसका समय निकट आ रहा था, और वह जानता था कि ये चेले उसके सन्देश को आगे लेकर जाएंगे। जो यीशु उन्हें दिखाना चाहते थे वो यह था कि उसके राज्य कि शिक्षाएं धार्मिक अगुवों से बहुत भिन्न थीं जैसा कि वे इस्राएल में रह कर जताते थे। सो उसने उन्हें चेतावनियां दीं जिससे कि वे समझ सकें।
Read Moreयहूदी अगुवे यीशु को गिरफ्तार करने और उसे मार डालने के लिए तैयार थे। हालात हाथ से बाहर हो रहे थे। इस दुष्ट उपदेशक की लोकप्रियता खतरनाक होती जा रही थी। येरूशलेम के अगुवे अपने अधिकार और प्रभाव को जाते देख रहे थे जब सारी भीड़ यीशु की बातों पर पूरा ध्यान लगा रहे थे।
Read Moreनूह और लूत इतने परिपूर्ण पुरुष नहीं थे, फिर भी वे परमेश्वर की सुनते थे। जब परमेश्वर कि दयापूर्ण चेतावनियां आई, उन्होंने उन पर ध्यान लगाया और बच गए। बाकी लोगों ने परमेश्वर की बातों का तिरस्कार किया और अपने भयानक अंत को चुन लिया। यह आदम और हव्वा के कारण बगीचे में किया हुआ पाप ही था।
Read Moreयीशु मंदिर के आंगन में खड़ा था, वह पहले से ही इस्राएल के अगुवों के विरुद्ध अपनी अभियोग बातें करने लगा था। यहाँ परमेश्वर का पुत्र था, जो पवित्र देश के अगुवों के विरुद्ध फटकार रहा था। उन्होंने किस तरह लोगों को अपने प्रभाव से दुष्प्रयोग!
Read Moreफसह का भोज यहूदी लोगों के लिए एक उच्च और पवित्र समय था। यह यहूदी लोगों के लिए मुक्ति के महान दिन की स्मृति में मनाया जाता है। यीशु के संसार में आने के पंद्रह सौ साल पहले, परमेश्वर ने मिस्र के फिरौन की भयानक अत्याचार से अपने लोगों को मुक्त किया और इस्राएल को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाया।
Read Moreयीशु क्रूस पर छे घंटे, जहां उसने मानवजाति के पापों कि सज़ा अपने ऊपर ले ली। हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। हमारे हर घिनौने काम कि दुष्टता परमेश्वर के आगे यीशु के व्यक्तित्व में पेश की गई। हर प्रकार के घिनौने पाप। यीशु ने हमारे हर प्रकार के पाप जो अंधकार में किये गए उन्हें अपने ऊपर ले लिया।
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