कहानी ५ - प्रभु का दिन

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कई सदियों से, परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ताओं को बोला कि वो इसराइल को उसके उल्लेखनीय वादों के बारे में बताएं - कि वो कैसे (और अभी भी!) मानव इतिहास में खोए हुओं के लिए उद्धार लाएगा। परमेश्वर एक अभिषेक करा हुआ, एक मसीहा, जो दुनिया का उद्धारकर्ता होगा, को खड़ा करेगा। एक दिन, मसीहा आके एक अनंतकाल की शांति का राज्य स्थापित करेगा।

लेकिन उस समय से पहले, मसीहा को कुछ काम करना था। आदम और हव्वा के पाप ने दुनिया को एक भयानक अभिशाप में डाल दिया। मसीहा को एक क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए रास्ता बनाना होगा।  वह ऐसा क्या कर सकता था जिससे आदम और हव्वा के बच्चों के दुष्ट, दागी दिल बदले जा सकते थे? उसको भ्रष्ट देशों और संस्कृतियों को उनकी विद्रोही हालत से परिवर्तित करना था जो परमप्रधान परमेश्वर के खिलाफ लड़ाई करते थे।  और उसको इस तबाह ब्रह्मांड में भी परिवर्तन लाना था जो अपने प्राकृतिक व्यवस्था में मौत और नाश की ओर बड़ रही थी। वो समय जब मसीहा अपने राज्य के लिए मार्ग बनाने आएगा, 'प्रभु का दिन' कहा जाता है।

यह शायद समझना ज़रूरी है कि "प्रभु का दिन" में शब्द "दिन" एक चौबीस घंटे की अवधि का मतलब नहीं है। यह इतिहास में एक निश्चित समय है जब कुछ विशिष्ट बातें होंगी। इतिहास की पुस्तकों में कभी कभी, लेखक कुछ ऐसे लिखते है, "उस दिन में जब राजा अकबर का शासन था". इसका मतलब यह नहीं है की राजा अकबर ने केवल एक दिन के लिए शासन किया। इसका मतलब यह है कि एक समय का दौरान था जब राजा अकबर शासन किया करते थे, और लेखक उन बातों का उल्लेख करेगा जो उस दौरान हुई थी। प्रभु का दिन कुछ उसी तरह है। उन सभी बातों का उल्लेख करने में कई साल लग सकते है जो उस काल या "दिन" में हुई थी!

पुराने नियम के नबियों के अनुसार, मसीहा उस समय में महान और शक्तिशाली काम करेगा। परमेश्वर की शक्ति में, वह इसराइल के राष्ट्र को उसके पापों से शुद्ध करेगा। पछतावा करने वालों को उद्धार मिलेगा और पिसे  हुए को मुक्त कर दिया जाएगा। उनके दिल, परमेश्वर की आत्मा की शक्ति से, कुल परिवर्तित हो जाएंगे। इस बीच, दुष्ट परमेश्वर के दंड और क्रोध के नीचे आएँगे। नबी जकर्याह ने मसीहा के इजराइल में आने के बारे में यह लिखा है:

और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करने वाली और प्रार्थना सिखाने वाली आत्मा उण्डेलूंगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात जिसे उन्होंने बेधा है, और उसके लिये ऐसे रोएंगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते-पीटते हैं, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं।
उस समय यरूशलेम में इतना रोना-पीटना होगा जैसा मगिद्दोन की तराई में हदद्रिम्मोन में हुआ था।
ज़करिया १२ः१०-११

मसीहा अपने लोगों को साफ करने आएगा, और वह दुष्टता से प्यार करने वाले देश को पाप से दूषित करने की अनुमति नहीं देगा। धर्मी पश्चाताप और दुख में, पाप के कारण हुई पीड़ा पर शोक करेंगे। परन्तु दुष्ट इसलिए शोक करेंगे क्योंकि उनके लिए वो न्याय और दंड का समय होगा! वे पश्चाताप नहीं करेंगे, और उससे डरेंगे जिसको उन्होंने छेदा है। नबी मलाकी ने  यह लिखा है; 

परन्तु उसके आने के दिन की कौन सह सकेगा? और जब वह दिखाई दे, तब कौन खड़ा रह सकेगा? क्योंकि वह सोनार की आग और धोबी के साबुन के समान है।
तब मैं न्याय करने को तुम्हारे निकट आऊंगा; और टोन्हों, और व्यभिचारियों, और झूठी किरिया खाने वालों के विरुद्ध, और जो मजदूर की मजदूरी को दबाते, और विधवा और अनाथों पर अन्धेर करते, और परदेशी का न्याय बिगाड़ते, और मेरा भय नहीं मानते, उन सभों के विरुद्ध मैं तुरन्त साक्षी दूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥                                                           
मलाकी ३ः२, ५

पुराने नियम में ऐसे कई पद है जहां परमेश्वर ने इसराइल के विद्रोही पापी के खिलाफ, क्रोध और न्याय में आने का वादा किया है। बल्कि, परमेश्वर ने कहा कि प्रभु के दिन में वह अन्य राष्ट्रों, वो जो परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह में रह रहे थे, का न्याय करने का उपयोग करेगा। यह उचित प्रतीत नहीं होता है, हैना? परमेश्वर क्यों अविश्वासी, दुष्ट राष्ट्रों को इस्राइल के राष्ट्र को दंड देने के लिए इस्तेमाल करेगा, इस्राएल जो और देशों की तुलना में कम पापी था? यशायाह की पुस्तक ठीक इसी सवाल को पूछती है!

परमेश्वर के सही, बुद्धिमान योजना में, वह हिंसक, अन्य देशों के जंग जैसी दुष्टता का लाभ उठाकर, उन्हें अपने खुद के उत्तम योजनाओं के लिए इस्तेमाल करेगा। वह उन देशों को इसराइल पर हमला करने के लिए उकसाएगा।

अब, ये देश भी परमेश्वर के साथ बहुत बड़ी मुसीबत में हैं। क्यूंकि आप देखते हैं कि परमेश्वर के इरादें हमेशा धर्मी है, वह अच्छे के लिए सब कुछ करता है। इस्राएल के प्रति उनका न्याय बिल्कुल निष्पक्ष था। लेकिन ये देश बहुत अलग उद्देश्यों के साथ कार्य करता। वे इसराइल पर अपनी दुष्टता, लालच, और सत्ता में भयंकर इच्छा से हमला करेगा। हालांकि परमेश्वर उन्हें अपने धर्मी योजनाओं के लिए उपयोग करेगा, उनके दिल की मंशा दुष्ट होगी, और इसराइल के खिलाफ उनके पाप महान होंगे।उनके महान पाप की वजह से, परमेश्वर उनका न्याय करेगा।

भविष्यद्वक्ताओं ने इस बारे में बार बार बताया है। जकर्याह लिखता है:

सुनो, यहोवा का एक ऐसा दिन आने वाला है जिस में तेरा धन लूट कर तेरे बीच में बांट लिया जाएगा। क्योंकि मैं सब जातियों को यरूशलेम से लड़ने के लिये इकट्ठा करूंगा, और वह नगर ले लिया नगर। और घर लूटे जाएंगे और स्त्रियां भ्रष्ट की जाएंगी; नगर के आधे लोग बंधुवाई में जाएंगे, परन्तु प्रजा के शेष लोग नगर ही में रहने पाएंगे। तब यहोवा निकल कर उन जातियों से ऐसा लड़ेगा जैसा वह संग्राम के दिन में लड़ा था।

ज़करिया १४ः १-३

नबी योएल के माध्यम से प्रभु ने कहा:

क्योंकि सुनो, जिन दिनों में और जिस समय मैं यहूदा और यरूशलेम वासियों को बंधुआई से लौटा ले आऊंगा, उस समय मैं सब जातियों को इकट्ठी कर के यहोशपात की तराई में ले जाऊंगा, और वहां उनके साथ अपनी प्रजा अर्थात अपने निज भाग इस्राएल के विषय में जिसे उन्होंने अन्यजातियों में तितर-बितर कर के मेरे देश को बांट लिया है, उन से मुकद्दमा लडूंगा। हे सोर, और सीदोन और पलिश्तीन के सब प्रदेशो, तुम को मुझ से क्या काम? क्या तुम मुझ को बदला दोगे? यदि तुम मुझे बदला भी दो, तो मैं शीघ्र ही तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा।

              योएल ३ः १-२,४

नबी जकर्याह ने इस न्याय का उल्लेख कुछ ठंन्ना देने वाली छवियों से दर्शाया,

और जितनी जातियों ने यरूशलेम से युद्ध किया है उन सभों को यहोवा ऐसी मार से मारेगा, कि खड़े खड़े उनका मांस सड़ जाएगा, और उनकी आंखें अपने गोलकों में सड़ जाएंगीं, और उनकी जीभ उनके मुंह में सड़ जाएगी। और उस समय यहोवा की ओर से उन में बड़ी घबराहट पैठेगी, और वे एक दूसरे के हाथ को पकड़ेंगे, और एक दूसरे पर अपने अपने हाथ उठाएंगे।               ज़करिया १४ः १२-१३

इन पदों, और दूसरों में भी, इन बातों का अधिक वर्णन हैं; लेकिन वे इतने भयानक हैं कि मुझे उसे लिखना भी भारी पड़ रहा है! पल पल में, बाइबल उस बड़े और भयानक दिन के बारे में बताती है जब परमेश्वर मानवता की दुष्टता का महान न्याय करने आएगा। हम अक्सर इस दुनिया में चल रही भयानक बातों को और रोज़मर्रा की भयभीत करने वाली घटनाओं को भुला देना पसंद करते है। हम जितना हो सके शान्ति और सुरक्षा में रहना चाहते हैं, और परमेश्वर से उसकी आशीष और बचाव के लिए प्रार्थना करते है। लेकिन परमेश्वर उन सब बातो को देखता है जो दुनिया भर में हर जगह में, सभी समय पर हो रही है। वह जानता है कि हर इंसान के हर सिर पर कितने बाल हैं। वह भीषण अपराधों, हत्याओं, क्रूर शब्दों और स्वार्थ और दुरुपयोग के कार्य, चोरी और कमजोर के खिलाफ सत्ता के बारे में जानता है। वह इसे एक पवित्र रोष के साथ नफरत करता है। वह उस पाप और दुष्टता की पूरी ताकत  को रोकता है जो मानव जाति ने इस दुनिया में आमंत्रित की। वह टूटें हुओं और गरीबों की रक्षा और मदद करता है। वह शैतान की शक्ति को सीमित करता है और उस से किये जाने विनाश को प्रतिबद्ध करता है। वह अपने भक्तों को शक्ति प्रदान करता है और अपनी स्वर्गदूतों को मदद और राहत के लिए भेजता है। और इस सारे समय के दौरान, वह अपने क्रोध की परिपूर्णता को इस दुनिया के दुष्टता के विरुद्ध रोकता है। यह उस भयावह और महान प्रभु के दिन के लिए इकट्ठा हो रहा है जब उसका न्याय आखिरकार आएगा।

लेकिन वह दिन सिर्फ न्याय के बारे में नहीं है। यह ज्यादातर आशीष के बारे में है। दो हजार साल पहले से अधिक, प्रभु यीशु ने परमेश्वर का क्रोध, उन सब के लिए जो उस पर विश्वास लाते है, ले लिया। यीशु के अनुयायियों के लिए प्रभु का दिन डर का नहीं है। यह जश्न मनाने के लिए है क्योंकि यह मसीह की हर बुरी बात पर अंतिम जीत का दिन है। यह परमेश्वर के साथ अनन्त जीवन के नए दिन की शुरुआत है।