पाठ 17: पहला संदेश

प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से वादा किया कि वह अपनी पवित्र आत्मा उन्हें भेजेगा। अब पिन्तेकुस्त के पर्व पर यीशु के स्वर्गारोहण के दस दिन बाद, आत्मा आग के ज्वाला के समान आई और यीशु के शिष्यों को साहस और शक्ति के साथ भर दिया। वे आत्मा से भर कर सड़कों पर दुनिया भर की सभी भाषाओं में बोलने लगे। यहूदी पवित्र शहर में पिन्तेकुस्त के पर्व को मनाने के लिए रोमी साम्राज्य से हज़ारों यात्री आए। जब वे आए, तो उन्होंने यीशु नाम के एक व्यक्ति की अजीब कहानियों को सुना जो एक महीने पहले ही क्रूस पर चढ़ाया गया था। अब उसके शिष्य सड़क पर खड़े थे, और उन्हीं की भाषा में बोल रहे थे। वे क्या कहने की कोशिश कर रहे थे? क्या वे नशे में थे.

पतरस खड़ा हुआ और ऊँचे स्वर में लोगों को सम्बोधित करने लगा, "हे यहूदियों और हे यरूशलेम के सन रहनेवालो, यह जान लो, और कान लगाकर मेरी बातें सुनो। ये लोग पिये हुए नहीं है, जैसा कि तुम समझ रहे हो। क्योंकि अभी तो सुबह के नौ बजे हैं। परन्तु यह वह बात है जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गयी थी। I

"परमेश्वर कहता है:

अंतिम दिनों में, ऐसा होगा कि मैं सभी मनुष्यों पर अपनी आत्मा उडेल दूंगा: फिर तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ भविष्यवाणी करने लगेंगे। तथा तुम्हारे युवा लोग दर्शन पायेंगे और तुम्हारे बूढ़े लोग स्वप्न देखेंगे। हाँ, उन दिनों मैं अपने सेवकों और सेविकाओं पर अपनी आत्मा उँडेल दूँगा और वे भविष्यवाणी करेंगे। मैं ऊपर आकाश में अद्भुत कर्म और नीचे धरती पर चिन्ह दिखाऊँगा लहू, आग और धुएँ के बादल। सूर्य अन्धेरे में और चाँद रक्त में बदल जायेगा। तब प्रभु का महान और महिमामय दिन आएगा। और तब हर उस किसी का बचाव होगा जो प्रभु का नाम पुकारेगा।

हे इस्राएल के लोगों, इन वचनों को सुनोनासरी यीशु एक ऐसा पुरुष था जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे सामने अद्भुत कर्मों, आश्चर्यों और चिन्हों समेत जिन्हें परमेश्वर ने उसके द्वारा किया था तुम्हारे बीच प्रकट किया। जैसा कि तुम स्वयं जानते ही हो। इस पुरूष को परमेश्वर की निश्चित योजना और निश्चित पूर्व ज्ञान के अनुसार तुम्हारे हवाले कर दिया गया, और तुमने नीच मनुष्यों की सहायता से उसे क्रूस पर चढ़ाया और कीलें ठुकवा कर मार डाला। किन्तु परमेश्वर ने उसे मृत्यु की वेदना से मुक्त करते हुए फिर से जिला दिया। क्योंकि उसके लिये यह सम्भव ही नहीं था कि मृत्यु उसे अपने वश में रख पाती। जैसा कि दाऊद ने उसके विषय में कहा है:

मैंने प्रभु को सदा ही अपने सामने देखा है। वह मेरी दाहिनी ओर विराजता है, ताकि मैं डिग न जाऊँ इससे मेरा हृदय प्रसन्न है और मेरी वाणी हर्षित है: मेरी देह भी आशा में जियेगी, क्योंकि तू मेरी आत्मा को अधोलोक में नहीं छोड़ देगा। तू अपने पवित्र जन को क्षय की अनुभूति नहीं होने देगा। तूने मुझे जीवन की राह का ज्ञान कराया है। अपनी उपस्थिति से तू मुझे आनन्द से पूर्ण कर देगा।"

" हे मेरे भाईयों में विश्वास के साथ आदि पुरूष दाऊद के बारे में तुमसे कह सकता है कि उसकी मृत्यु हो गयी और उसे दफना दिया गया। और उसकी कन हमारे यहाँ आज तक मौजूद है। किन्तु क्योंकि वह एक नवी था और जानता था कि परमेश्वर ने शपथपूर्वक उसे वचन दिया है कि वह उसके वंश में से किसी एक को उसके सिंहासन पर बैठायेगा तो उसने मसीह की फिर से जी उठने के बारे में ही कहा था। इसी यीशु को परमेश्वर ने पुनर्जीवित कर दिया। इस तथ्य के हम सब साक्षी हैं। परमेश्वर के दाहिने हाथ सब से ऊँचा पद पाकर यीशु ने परम पिता से प्रतिज्ञा के अनुसार पवित्र आत्मा प्राप्त की और फिर उसने इस आत्मा को उँडेल दिया जिसे अब तुम देख रहे हो और सुन रहे हो। दाऊद क्योंकि स्वर्ग में नहीं गया सो वह स्वयं कहता है:

'प्रभु परमेश्वर ने मेरे प्रभु से कहा: मेरे दाहिने बैठ जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों तले पैर रखने की चौकी की तरह न कर दूँ।'

इसलिये समूचा इस्राएल निश्चयपूर्वक जान ले कि परमेश्वर ने इस वीशु को जिसे तुमने क्रूस पर पड़ा दिया था प्रभु और मसीह दोनों ही ठहराया था।" लोगों ने जब यह सुना तो वे व्याकुल हो उठे और पतरस तथा अन्य प्रेरितों से कहा, तो बंधुओ, हमें क्या करना चाहिये?

पतरस ने उनसे कहा, " मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे। क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम्हारे लिये, तुम्हारी संतानों के लिए और उन सबके लिये है जो बहुत दूर स्थित हैं। यह प्रतिज्ञा उन सबके लिए है जिन्हें हमारा प्रभु परमेश्वर को अपने पास बुलाता है।"

और बहुत से वचनों द्वारा उसने उन्हें चेतावनी दी और आग्रह के साथ उनसे कहा, " इस कुटिल पीड़ी से अपने आपको बचाये रखो।" (सन्देश पृष्ट 243-244)

सो जिन्होंने उसके संदेश को ग्रहण किया, उन्हें बपतिस्मा दिया गया। इस प्रकार उस दिन उनके समूह में लगभग तीन हज़ार लोग और जुड़ गये