जब परमेश्वर ने हर सप्ताह के सातवें दिन सब्त के दिन को मनाने की आज्ञा दी, उसने कहा की वह चाहता था की उसके लोग इसका सम्मान करके उसके प्रति अपनी वफ़ादारी को दिखाएँ।
इस्राएल के लोगों को यहोवा को सप्ताह का एक दिन देना होता था। यह उनके लिए सब्त का दिन था। साल में एक बार उन्हें यहोवा की उपस्थिति के लिए अपने सभी फसलों और पशुओं के दसवें हिस्से को लाना होता था।
इन तीर्थ पर्वों में फसह का पर्व सबसे पहला था। यह पर्व वो समय को याद दिलाने के लिए था जब यहोवा ने इस्राइलियों को मिस्र की ग़ुलामी से छुड़ाया था। विपत्तियों के बाद, मिस्र के फिरौन ने परमेश्वर के लोगों को जाने से मना कर दिया था।
एक वर्ष में तीन बार, इस्राएल के परिवारों को उस महान राष्ट्रीय पर्व के लिए अपने घरों और खेतों से मंदिर के लिए यात्रा करनी होती थी। पहला पर्व फसह का पर्व था।
"अपने माता—पिता का सम्मान करो। यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें यह करने का आदेश दिया है। यदि तुम इस आदेश का पालन करते हो तो तुम्हारी उम्र लम्बी होगी और उस देश में जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुमको दे रहा है तुम्हारे साथ सब कुछ अच्छा होगा।" (व्यवस्था 5:16)
न्यायाधीशों को उन्ही के क्षेत्रों के मामले के विषय में निर्णय लेने के लिए नियुक्त किया गया था। दूसरे महत्वपूर्ण समूह जो सही न्याय कर सकते थे वे स्वयं लोग ही थे। एक समूह के रूप में वे तय कर सकते थे यदि किसी ने परमेश्वर के पवित्र नियमों का उल्लंघन किया है।
परमेश्वर ने इस्राएल को चुने हुए अगुवे दिए थे। वे लेवी कहलाते थे। इस्राएल के बारह गोत्रा थे। इब्राहीम का पुत्र इसहाक, इसहाक का पुत्र याकूब था जिसके बारह बेटे थे। प्रत्येक पुत्र एक गोत्र का प्रमुख था।
छठे आज्ञा में, यहोवा ने लोगों को हत्या ना करने कि आज्ञा दी। जब एक व्यक्ति किसी दूसरे की जान लेता है तो वह हत्या कहलाता है। यदि इस्राएली किसी को बिना उद्देश्य मारते हैं, तो फिर कैसे वे युद्ध में जा सकते थे? वादे के देश में जाकर कैसे वे कनानियों के विरुद्ध युद्ध करेंगे?
एक इस्राएल के जीवन का सम्मान तब तक महत्वपूर्ण नहीं था जब तक वह जीवित रहता है। वह उनके मरने के बाद भी महत्वपूर्ण था! यदि एक व्यक्ति मृत पाया गया है, और यह स्पष्ट होता है की उसकी हत्या की गई है, तो यह एक भयानक बात थी। यदि इसका कोई न्याय नहीं किया जाता है तो यह उनके लिए अनादर की बात होती, लेकिन कभी कभी एक हत्या का समाधान करना असंभव होता है।
यहोवा ने अपने लोगों को एक-दूसरे के बीच नैतिक पवित्रता को सिखाने के लिए सांतवी आज्ञा दी। उन्हें अपने कौमार्य की रक्षा विवाह होने तक अपने दिल और दिमाग और शरीर को पवित्र और निर्मल रखना था। आठवीं आज्ञा में, परमेश्वर ने अपने लोगों को एक दूसरे के लिए एक सुरक्षा के रूप में एक मज़बूत, स्वस्थ सीमा दी। यह नियम इस्राएलियों को सिखा रहा था की उन्हें एक दूसरे कि संपत्ति के प्रति कैसा व्यव्हार करना है।
चोरी करने के विचार में जोड़ें- व्यवस्था 21-24 को संपत्ति के अधिकार को दिखाने के लिए मूसा के नियमों के लिए दिखाएँ और उन्हें लोगों के झूठ बोलने और न्यायधीश से धोखाधड़ी करने के लिए इस विवान को दिखाएँ।
मूसा जब लोगों से निवेदन कर रहा था कि वे परमेश्वर से प्रेम करें और उसकी आज्ञाओं का पालन करें, उसने उन्हें उनकी भक्ति दिखाने के विशेष तरीके बताये। उसने उन्हें पत्थर ले कर और उसे प्लास्टर करने को कहा।
इस्राएल का राष्ट्र फिर से इकट्ठा हुआ। हज़ारों लोगों कि कल्पना कीजिये कि किस प्रकार वे अपने महान अगुवे को खड़े सुन रहे थे। पति, पत्नी, बच्चे, और वे सभी विदेशी जो उनके बीच में रहते थे। मूसा उन्हें वाचा के नियम सुनाता रहा। उसने उन्हें दस आज्ञाओं को याद दिलाया और फिर प्रत्येक आज्ञा का पालन करने के कई तरीके सिखाये।
मूसा यरदन के पूर्व, मोआब में इस्राएल के राष्ट्र के सामने खड़ा था। लोगों के लिए अपने अंतिम सन्देश में, उसने देखा की वह राष्ट्र यहोवा की महान सच्चाई और महान विफलता, दोनों से गुज़रेगा।
परमेश्वर वास्तव में अपने लोगों के पूरे दिल और जान को चाहता था। वह उनकी पूरी भक्ति को चाहता था, और वह उनकी इच्छाओं और आशाओं को पूरी तरह से अपने ऊपर लेना चाहता था। और कमाल की बात यह है कि यह संभव हो सकता था। उनका अच्छा और पवित्र परमेश्वर उनसे कोई असंभव चीज़ की मांग नहीं करेगा।
यहोवा ने, जो इस्राएल का परमेश्वर है, मिस्र से उन सब लोगों को ग़ुलामी से बचाया जिनके साथ उसने सबसे पहले अपनी वाचा को बनाया था। अड़तीस साल बाद, मूसा ने मोआब के मैदानों पर इस्त्राएलियों की अगली पीढ़ी के साथ बात की। पूरा देश यरदन नदी के पास डेरा लगाया हुआ था। दूसरी तरफ वो देश था
जिस दिन परमेश्वर ने मूसा को भविष्य के बारे में इस्राएल के लोगों के लिए गीत को दिया, उसने भविष्य के बारे में मूसा को निर्देश दिए। मूसा अबारीम पर्वत से नबो पर्वत पर गया। वहाँ से, वह कनान देश को और उसकी महिमा को देख पाएगा। मोआब में उस पर्वत से, मूसा पश्चिम की ओर यरदन घाटी में देख पाएगा।