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पाठ 16 : वाचा और विद्रोह

परमेश्वर ने एक उल्लेखनीय काम किया। उन्होंने नूह और उसके पुत्रों के साथ एक विशेष वाचा या वादा किया। उन्होंने कहा, "तुम मुझ पर भरोसा कर सकते हो की मैं ऐसा फिर कभी नहीं करूंगा।

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पाठ 17 : राष्ट्रों कि तालिका: येपेत और अनियंत्रित किया हुआ

जल प्रलय के बाद उत्पत्ति के अध्याय कुछ आकर्षक हैं। उन्हें राष्ट्रों की तालिका कहा जाता है। यह नूह के तीन बेटों से आया पृथ्वी पर लोगों का वर्णन करती है।

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पाठ 18 : हाम कान की रेखा पुनरारंभ करता है, लेकिन परमेश्वर की बुलाहट शेम के लिए है ।

राष्ट्रों कि तालिका हमें बताती है की कैसे मानव जाति कि वृद्धि हुई और नूह और जल प्रलय के बाद वे पृथ्वी भर में फैल गए।

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पाठ 21 : बाबेल भाग द्वितीय

परमेश्वर वह सब कुछ देख रहा था जो उसके बनाये हुए मनुष्य कर रहे थे। वह उन्हें देख रहा था जब वे पूर्व कि ओर जा रहे थे, और जब वे उस विशाल ईमारत को बना रहे थे।

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पाठ 24 : इब्राहीम की मिस्र यात्रा: वहाँ तक जाना और लौट कर आना

परमेश्वर के वादे के अनुसार अब्राम विश्वास के साथ निकल पड़ा। लेकिन वह अपनी यात्रा में अकेला नहीं था, और केवल वही नहीं था जो अकेला परमेश्वर पर भरोसा कर रहा था।

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पाठ 25 : अब्राम और उसके भतीजे का अलग होना: मूर्ख और बुद्धिमान के निर्णय

परिवार दक्खिन के देश मिस्र से होकर नेगेव कि ओर गया। वे बेतेल के पास के क्षेत्र में लौट आए। इस जगह पर अब्राम ने परमेश्वर के लिए दूसरी वेदी बनाई।

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पाठ 26 : बुतपरस्त राजाओं पर परमेश्वर की विजय … धर्मी जन से आशीषें

फिरौन द्वारा दिए गए धन और संपत्ति को लेकर अब्राम मिस्र से लौट आया। लूत की भेड़ बकरियां बड़ी हो गईं थीं इसीलिए दोनों गुट अब एक दूसरे के पास नहीं रह सकते थे।

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पाठ 37 : सारा का हसना: इब्राहीम और सारा के विश्वास को एक स्तोत्र

इब्राहीम और सारा ने एक बेटे के जन्म के लिए पच्चीस वर्षों तक प्रतीक्षा की। उन सभी पहले के वर्षों में, इब्राहीम ने माना की उसने परमेश्वर के द्वारा एक संदेश सुना है।

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पाठ 43 : रिबका के योद्धा पुत्र

अब्राहम कि प्रिया पत्नी सारा की मृत्यु हो चुकी थी। उसने उसे इसहाक दिया जो परमेश्वर के वादे का पुत्र था, और इसहाक के माध्यम से, परमेश्वर एक पुरोहित राष्ट्र बनाने के लिए इब्राहिम के साथ बनाये वाचा को रखेगा।

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पाठ 68 : अनाज की एक बोरी में एक चांदी का पात्र

जुदाई के इतने वर्षों के बाद, यूसुफ के भाई उसके निवास्थान में बैठे थे, और यूसुफ आँसुओं के साथ अति अभिभूत था।

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