पाठ 6 : अंतिम साम्राज्य और शक्तिशाली राज्य

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दानिय्येल नबूकदनेस्सर स्वप्न का व्याख्या करता रहा I तीसरा राष्ट्र जिसे मूर्ति पर कांस के रूप में दिखाया गया था शायद यूनान था I यह वह देश था जिसने मादी-फारस को 332 ई.पू. में जीत लिया था, जब सिकंदर महान भारत के सुन्दर और अनुकूल देश तक पूरी धरती पर अपनी सेना के साथ फैल गया था I यूनान 185 वर्ष तक दुनिया का सबसे महान शक्तिशाली देश था, जब तक 146 ई.पू., बिखरते लोहे का राज्य रोमी साम्राज्य के रूप में खड़ा हुआ I रोम हार उस राष्ट्र का विनाश करेगा जो उसके रास्ते में आएगा और पांच सौ से अधिक वर्ष तक राज करेगे, यीशु की मृत्यु के 395 वर्ष के बाद, जब वह दो भाग में बट जाएगा I उसके बाद वह कई वर्षों तक राज करता रहेगा, और कई मायनों में, यूरोप और अमेरिका में पश्चिमी देश अभी भी रोम की दुनिया से प्रभावित हैं I यही है जहाँ उन्होंने सरकार और कानून का रूप सीखा I जिन लोगों ने नया लिखा वे विश्वास करते हैं कि लोहे और मिट्टी का चौथा राज्य रोम है I रोमन साम्राज्य वह शक्ति थी जो दुनिया में राज करता था और इस्राएल की वह भूमि जब यीशु आया था I

 

दानिय्येल आगे उस पत्थर का अर्थ समझाता है जो मूर्ति का पैर कुचलता है और मूर्ति के शेष भाग को भी समाप्त कर देता है;

“चौथे राज्य के उन राज्यों के समय में ही स्वर्ग का परमेश्वर एक दूसरे राज्य की स्थापना कर देगा। इस राज्य का कभी अंत नहीं होगा और यह सदा—सदा बना रहेगा! यह एक ऐसा राज्य होगा जो कभी किसी दूसरे समूह के लोगों के हाथ में नहीं जायेगा। यह राज्य उन दूसरे राज्य को कुचल देगा। यह उन राज्यों का विनाश कर देगा। किन्तु वह राज्य अपने आप सदा—सदा बना रहेगा। आपने पहाड़ से उखड़ी हुई चट्टान तो देखी। किसी व्यक्ति ने उस चट्टान को उखाड़ा नहीं! उस चट्टान ने लोहे को, काँसे को, मिट्टी को, चाँदी को और सोने को टुकड़े—टुकड़े कर दिया था। इस प्रकार से महान परमेश्वर ने आपको वह दिखाया है जो भविष्य में होने वाला है। यह सपना सच्चा है और आप सपने की इस व्याख्या पर भरोसा कर सकते हैं।”

                                                          दानिय्येल 2:44-45

दानिय्येल ने नबूकदनेस्सर को वह सब बता दिया था जो परमेश्वर ने उसे स्वप्न में दिखाया था I परन्तु तब से अब तक बहुत समय बीत चुका है, और हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उसने कौन से राज्य का सपना देखा था I उन साम्राज्यों से बढ़ कर कुछ और भी महत्वपूर्ण और आश्चर्यजनक था जिसे हम अभी और भी स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं I दानिय्येल उस पत्थर की बात कर रहा था जो मनुष्य के हाथ द्वारा नहीं बनाया गया था I वह रोमी साम्राज्य के दौरान आया था I वह क्या हो सकता है ? कौन सा ऐसा शानदार शासक है जो ऐसा साम्राज्य स्थापित कर सकता है जो कभी नाश नहीं होगा ?

जिस पत्थर ने अन्य देशों को धूल में उड़ा दिया था वह, परमेश्वर का पुत्र, यीशु मसीह है हो आने वाला है I वह रोमी राज के समय आया था और क्रूस पर चढ़ाया गया और गाड़ा गया था I परन्तु वह जयवंत होकर फिर जी उठा, और जिस प्रकार यीशु मसीह का सुसमाचार पूरी दुनिया में फैलता है, वह वो पहाड़ है जो नबूकदनेस्सर के स्वप्न में पूरी दुनिया में फैल गया था I वह मनुष्य के हाथों से बनाया हुआ राज्य नहीं है, परन्तु परमेश्वर के पुत्र के घायल, ज़ख़्मी हाथ हैं!  जब वह क्रूस पर मारा गया, उसने सारे पाप और मृत्यु पर जय पाई जो पापी मनुष्य और उनके भ्रष्ट राष्ट्र लाये थे, और जो उसने किया उसकी शक्ति को कोई भी राष्ट्र या शासक नहीं बदल सकता I

हम अभी परमेश्वर का राज्य हैं, परन्तु हम उसके पूर्ण, आनंदित अनंतकाल के राज्य को तब देखेंगे जब हम स्वर्ग में यीशु के साथ होंगे! यीशु पहले से ही राजा है, और सब चीज़ों पर अधिकार रखता है! परन्तु एक दिन, वह सारी दुष्टता को नाश करेगा और सदा के लिए पूरी सामर्थ के साथ दुनिया में राज करेगा ! हर एक घुटना टिकेगा और हर जीभ मानेगी की यीशु ही प्रभु है! वाह! यह सब बातें होने के बाद हम हज़ार वर्ष के लिए जीयेंगे, इसलिए हमें पीछे मुड़ कर देखना होगा और यह समझना होगा कि किस पूर्व में दूत और नबी और राजा क्या जानना चाहते थे ! नबूकदनेस्सर के सपने ने उसे पूरी कहानी की केवल छाया दिखाई है, परन्तु वह एक शक्तिशाली छाया है !

जब नबूकदनेस्सर राजा स्वप्न के व्याख्या को पूरी तौर से दानिय्येल से सुन चुका, वह दानिय्येल के आगे गिरा और झुक गया, उन रहस्यों के भय के कारण जिन्हें परमेश्वर ने बताया था I उसने कहा, “तेरा परमेश्वर सर्वाधिक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली परमेश्वर है। वह सभी राजाओं का यहोवा है। उन बातों के बारे में बताता है, जिन्हें वे नहीं जान सकते...”

राजा ने दानिय्येल को बहुत से बहुमूल्य उपहार दिए और सर्वश्रेष्ठ परमेश्वर की ओर से आया हुआ दूत के रूप में सम्मानित किया I इस महान चमत्कार के बावजूद, नबूकदनेस्सर इस्राएल के परमेश्वर के पीछे चलना नहीं चाहता था I जैसे कि हम जल्द देखेंगे, वह झूठी मूर्तियों को पूजता रहा, और उसके द्वारा कुछ मूर्ख गलतियां हुईं I परन्तु उसने दानिय्येल को बाबेल का सबसे उच्च शासक बनाया, जो साम्राज्य की राजधानी थी I दानिय्येल राजा का मुख्य सलाहकार बन गया I दानिय्येल ने निवेदन की कि उसके मित्र, शद्रक, मेशक, और अबेदनगो को भी उच्च पद दिया जाए, और नबूकदनेस्सर ने पूरे बाबेल के ऊपर उन्हें प्रशासक बनाया जबकि दानिय्येल शाही दरबार में ही रहा I