पाठ 7 : धधकती भट्टी

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नबूकदनेस्सर राजा ने भविष्य के उस दर्शन के द्वारा जिसे सर्व उच्च परमेश्वर ने उसे दिया था, एक महान सबक सीखा I परमेश्वर ने स्वयं को, नबूकदनेस्सर के स्वप्न के और उसके सही व्याख्या द्वारा जिसे दानिय्येल ने अपने चमत्कारी जानकारी के द्वारा किया था, सिद्ध किया I तौभी उसे उस दर्शन द्वारा एक और विचार आया होगा, वह दर्शन जिसमे कठोर हृदय दिखता था I बजाय इसके कि दानिय्येल के परमेश्वर के आगे नम्रता के साथ दंडवत करता, उसने फिर से अपनी मर्ज़ी को ज़बरदस्ती थोपा I

उसके सपने के बाद, नबूकदनेस्सर राजा ने बाबेल के बाहर दूरा के मैदान में एक महान नब्बे फुट की मूर्ति स्थापित करी I उसने अपने राज्य के सभी अधिकारीयों को उस मूर्ति को वहन दंडवत करने के लिए बुलवाया I इस चाह से की सभी उसकी मूर्ति को दंडवत करें, उन्हें ज़बरदस्ती यह दिखाना पड़ा कि वे उसके बहुत वफ़ादार हैं और अन्य किसी भी चीज़ से बढ़कर वे उससे डरते थे I यह दिखाता है कि वे नबूकदनेस्सर की शक्ति और बाबेल के साम्राज्य से अपने देवताओं से कहीं अधिक डरते थे जिन्हें से मानते थे I नबूकदनेस्सर कैसे इतनी जल्दी इस्राएल के सर्शक्तिमान परमेश्वर की सामर्थ को भूल सकता था ?

मूर्ति को दंडवत करना एक बहुत बड़ा महोत्सव था I सभी को आना अनिवार्य था I बाबेल का सामान्य जीवन ठप हो गया था I नबूकदनेस्सर ने नरसिंगों, बाँसुरियों, सितारों, और दूसरी तरह के संगीत वाद्यों को मांगने की आज्ञा दी I जैसे ही वे बजायेंगे, सभी को झुक कर बाबेल के देवता के प्रति अपनी वफ़ादारी दिखाने के लिए दंडवत करना होगा I यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, उन्हें धधकती हुई आग में फेंक दिया जाएगा I जब लोग दूर के मैदान में पहुँच गए, वह गरम और धुआंदार धधकती आग सबके देखने के लिए पहले से धधक रही थी I वह कितना भयानक होगा I

राष्ट्र के हज़ारों शक्तिशाली पुरुषों की कल्पना कीजिये जो एक बड़े मैदान में ऊँची उठती हुई एक नौ मंजिला लम्बी मूर्ति के सामने जमा हुए हैं I उस धधकती हुई आग से आग और गरम धुआं निकल रहा था, जो किसी को भी निगलने के लिए तैयार थी I उस आत्मिक अंधकार की और शैतानी शक्तियों के हाथ की कल्पना कीजिये जो उन्हें झूठ और धोखे से दबा रही थीं I जैसे ही संगीत बजना शुरू हुआ, हर एक देश के और भाषा के लोग मूर्ति के आगे घोर पूजा के साथ दंडवत करने लगे I

तीन पुरुष खड़े ही रहे I उन्होंने उस सोने से बनी मूर्ति के आगे झुकने से इंकार किया I शद्रक, मेशक, और अबेदनगो यहोवा, जो इस्राएल का सच्चा और जीवित परमेश्वर है, को छोड़ और किसी भी देवता के आगे नहीं झुकेंगे I नबूकदनेस्सर राजा ने इन पुरुषों को बाबेल के शक्तिशाली अधिकारीयों के रूप में बढ़ाया था, परन्तु अब वे, उसकी मूर्ति के आगे दंडवत करने से इंकार कर रहे थे I

ज्योतिषी तुरंत नबूकदनेस्सर को ख़बर देने के लिए गए I उन्होंने उसे उस हुक्मनामे के विषय में याद दिलाया जिसमे सभी को मूर्ति के आगे झुकना था I उन्होंने उसे स्मरण दिलाया कि उसने घोषणा की थी कि जो कोई भी यदि ऐसा नहीं करेगा उसे सज़ा के तौर पर धधकती हुई आग में फेक दिया जाएगा I फिर उन्होंने उसे उन तीन यहूदियों के बारे में बताया जिन्हें उसने उच्च स्तर दिया था, परन्तु अब वे उसकी मूर्ति के आगे झुकने से इंकार कर रहे थे I

नबूकदनेस्सर बहुत क्रोधित हुआ I उसने उन्हें बुलवाया और कहा, “’अरे शद्रक, मेशक और अबेदनगो। क्या यह सच है कि तुम मेरे देवताओं की पूजा नहीं करते और क्या यह भी सच है कि तुम मेरे द्वारा स्थापित करायी गयी सोने की प्रतिमा के आगे न तो झुकते हो, और न ही उसकी पूजा करते हो ?’” वे किस प्रकार उसके सीधे आदेशों को नज़रअंदाज़ कर सकते थे ? क्या वे जानते नहीं थे कि उनके साथ क्या हो सकता था ? उसने कहा, “’अब देखो, तुम जब नरसिंगों, बाँसुरियों, सितारों, सात तारों के बाजों, वाणाओं, मशक—शहनाइयों तथा हर तरह के दूसरे वाद्य—यन्त्रों की ध्वनि सुनो तो तुम्हें सोने को प्रतिमा के आगे झुक कर उसकी पूजा करनी होगी। यदि तुम मेरे द्वारा बनवाई गई उस मूर्ति की पूजा करने को तैयार हो, तब तो अच्छा है किन्तु यदि उसकी पूजा नही करते हो तो तुम्हें तत्काल ही धधकती हुई भट्टी में झोंक दिया जायेगा। फिर तुम्हें कोई भी देवता मेरी शक्ति से बचा नहीं पायेगा!”

वाह, नबूकदनेस्सर राजा उन्हें एक और मौका देने जा रहा था ! वे भट्टी से उस आग और उठते धुएं को देख सकते थे जो आकाश की ओर उठ रहा था I अवश्य वे अपना मन बदल देंगे ! परन्तु नबूकदनेस्सर ने उनके समान इस्राएल के परमेश्वर के लिए अपने आप को कभी नहीं दिया था I वह उस महान शक्ति और आशा को नहीं समझ पाया जो उन्हें अपनी सर्वशक्तिमान परमेश्वर में था I आपको क्या लगता है कि परमेश्वर के दास क्या करने जा रहे थे ?

 शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने उत्तर देते हुए राजा से कहा,

 “’हे नबूकदनेस्सर, हमें तुझसे इन बातों की व्याख्या करने की आवश्यकता नही है! 17 यदि हमारा परमेश्वर जिसकी हम उपासना करते हैं, उसका अस्तित्व है तो वह इस जलती हुई भट्टी से हमें बचा लेने में समर्थ है। सो अरे ओ राजा, वह हमें तेरी ताकत से बचा लेगा। 18 किन्तु राजा, हम यह चाहते हैं कि तू इतना जान ले कि यदि परमेश्वर हमारी रक्षा न भी करे तो भी हम तेरे देवताओं की सेवा से इन्कार करते हैं। सोने की जो प्रतिमा तूने स्थापित कराई है हम उसकी पूजा नहीं करेंगे।‘”                         

                                      दानिय्येल 3:16-18

वाह! यह कितना लुभावनी था ! कितना अकल्पनीय साहस और विश्वास था यह ! आपको लगता है इन पुरुषों की तरह और कोई इतना वफ़ादार होगा जो नबूकदनेस्सर से बढ़ कर यहोवा के प्रति वफ़ादार थे ? वे उसके प्रति तभी भी वफ़ादार थे यदि वह उन्हें ऐसी मुश्किल घड़ी में भी ना बचाता I