पाठ 19 : स्वप्न बाधित होती है

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वाह, दानिय्येल ने कितना विस्मयकारी स्वप्न देखा! परंतु जो उसने देखा उससे वह बहुत परेशान हुआ। दानिय्येल ने कुछ बहुत ही अद्भुत और लुभावनी चीज़ें देखीं। उसने परमेश्वर को सामर्थ और न्याय के साथ राज्य करते देखा। उसने मनुष्य के पुत्र को बादल में आते देखा । सब कुछ परमेश्वर की अच्छी और सिद्ध योजना के अन्तर्गत है, और सब कुछ अच्छी तरह समाप्त होंगी। परंतु दानिय्येल ने कुछ बहुत भयंकर चीज़ें देखीं। समुद्र से निकले चार पशु और उनके भयंकर, निर्लज सींग, संसार में दुष्टता, हिंसा, और पीड़ा को लाएंगे। 

 

दानिय्येल चाहता था कि कोई उसे समझाए। वह ऐसे किसी पास गया जिसने भी स्वप्न देखा हो।                                                       उसने उससे उस सब का अर्थ पूछा। उसने दानिय्येल से कहा, ‘वे चार बड़े पशु, चार राज्य हैं। वे चारों राज्य धरती से उभरेंगे।  किन्तु परमेश्वर के पवित्र लोग उस राज्य को प्राप्त करेंगे जो एक अमर राज्य होगा।“ वाह! यह कितनी आश्चर्यजनक खबर है। ना केवल प्रभु के हाथ में सब बातों का शासन दे दिया जाएग, परंतु हम जो उसके पीछे चलते हैं उसके साथ राज करेंगे! इस बड़ी खबर के बावजूद, दानिय्येल फिर भी परेशान था। 

वह चौथे पशु के भयंकर राज्य के विषय में नहीं भूल पा रहा था जिसके लोहे के से दांत थे। इसलिए उस व्यक्ति ने और समझाया। चौथे पशु ने अपने शिकार को चुग लिया और रौंद डाला । उसने हर उस चीज़ को नष्ट किया जो उसके सामने आती थी। उसके अंदर कोई दया और करुणा नहीं थी । दस सींग दस राज्यों के प्रतीक थे जो इस राज्य से राज करने को आएंगे । एक और राजा आएगा और पहले तीन राजाओं में से तीन को शांत करेगा। वह परेमश्वर का तिरस्कार और अवहेलना करेगा और संतों के विरुद्ध युद्ध करेगा । वह कैलेंडर की तैय तिथियों को बदल देगा, और कानून को बदलने की कोशिश करेगा । वह उस सब को जो सुन्दरता के साथ बनाया गया है, नष्ट करने की कोशिश करता है जिसे परमेश्वर ने इस्राएल के राष्ट्र के द्वारा स्थापित किया था। वह स्वयं को परमेश्वर समझ रहा था, और सब्त में और परमेश्वर के पवित्र नियम में गड़बड़ी लाने की और स्वयं के नियम बनाने की कोशिश कर रहा था। और कुछ समय के लिए, उसे ऐसा करने की अनुमति होगी । 

दानिय्येल के दुभाषिया ने कहा, "परमेश्वर के पवित्र लोग साढ़े तीन साल तक उस राजा की शक्ति के अधीन रहेंगे।" वह पवित्र लोगों को तब तक हराएगा और नाश करेगा जब तक प्रभु दोबारा नहीं आ जाता I परमपरमेश्वर अपने सिंहासन से न्य करेगा और अपने धर्मी संतों के पक्ष में न्याय करेगा I उसका क्रोध का न्याय बुरे सींग पर पड़ा I यह सींग, यीशु का शत्रु, आग में नाश किया जाएगा, परन्तु संतों को परमेश्वर का राज्य मिलेगा !

वाह ! इसमें से कुछ बातें अद्भुत हैं, और कुछ को समझना कठिन है । इतिहास के कुछ विवरण भी जो शायद अब भी हो रहे होंगे । ये स्वप्न हमें एक अचरज करने वाली तस्वीर देते हैं, परंतु अक्सर वे हमें सही विवरण नहीं देते हैं । ईसाई विद्वानों का मानना है कि राज्य का अंतिम सींग, इतिहास के अंत में, अंतिम दिनों में आएगा । परमेश्वर इस सींग को, जिसे यीशु का शत्रु भी कहते हैं, अनुमति देगा कि वह पूरी दुनिया पर राज्य करे । वह शैतान द्वारा सशक्त होगा । वह अपनी सामर्थ के द्वारा संतों का नाश करेगा और प्रभु के विरुद्ध बोलेगा । परन्तु परमेश्वर इन बुरे कामों को करने के समय को सीमित करेगा I जब ईसाई विद्वानों ने अंतिम दिनों के विषय में इन पदों को पढ़ा और उन बाइबिल के अन्य भागों से उनकी तुलना की जो अन्तिम दिनों के विषय में हैं, (प्रकाशितवाक्य), वे देखते हैं कि समय, समयों, और आधा समय का अर्थ शायद साढ़े तीन वर्ष है I यीशु का शत्रु साढ़े तीन वर्ष के लिए आतंक के साथ राज्य करेगा, और तब प्रभु न्याय करने के लिए आएगा I

जो दानिय्येल को स्वप्न समझा रहा था उसने कहा, “’...उसका निर्णय न्यायालय करेगा और उस राजा से उसकी शक्ति छीन ली जायेगी। उसके राज्य का पूरी तरह अन्त हो जायेगा। 27 फिर परमेश्वर के पवित्र लोग उस राज्य का शासन चलायेंगे।धरती के सभी राज्यों के सभी लोगों पर उनका शासन होगा। यह राज्य सदा सदा अटल रहेगा, और अन्य सभी राज्यों के लोग उन्हें आदर देंगे और उनकी सेवा करेंगे।’”    

यह दानिय्येल के स्वप्न का अंत था I उसके पास इसके विषय में बहुत कठोर विचार थे I उसने सभी राष्ट्रों को शासन में आते देखा और पराजय के साथ उनका अंत होते देखा I उसने यीशु के शत्रु की बुरी शक्ति को और संतों के भयानक कष्टों को देखा I तभी भी वह नहीं जानता था कि यह सब कब घटेगा I इस्राएल के लोगों का क्या होगा? दानिय्येल ने अपने हृदय में इस स्वप्न को और इन विचारों को अपने हृदय में रखा I जबकि इन बातों से उसके चेहरे का रंग उड़ गया था, उसने उनके विषय में किसी के साथ नहीं बाटा I