पाठ 8 :दाऊद राजा के साथ परमश्वेर की वाचा

जब मूसा चालीस वर्षों तक मरुभूमि के माध्यम से इस्राएल देश का नेतृत्व कर रहा था, तब परमेश्वर ने इस्राएल देश को अपने सुंदर नियम, दस आज्ञाएं दीं। जब उन्होंने परमेश्वर के आदेशों का उल्लंघन किया तब उसने उन्हें अपने पापों से पश्चाताप करने का एक रास्ता दिखाया ताकि वे शुद्ध और संपूर्ण हो सकें । उसने उन्हें अपने परिवारों के लिए एक सुंदर देश का वादा किया और यदि वे केवल आज्ञा मानेंगे तो वह उन्हें आशीष देगा। जब तक वे परमेश्वर से प्रेम करते रहेंगे और उसके राह पर चलेंगे, उसने वादा किया कि वह उन्हें अपने देश को उसके सभी शत्रुओं से बचाएगा । वे उस देश में सुरक्षित रहेंगे जहाँ मूसा उन्हें लेजा रहा था। परन्तु यदि उन्होंने पाप किया, तो परमेश्वर उनका न्याय करेगा और उन्हें अपने वादे के देश से बाहर निकालकर शुद्ध करेगा।

मूसा की मृत्यु के बाद, परमेश्वर इस्राएलियों को वादे के देश में लेकर गया। वे वहां एक महान राष्ट्र बन गए, जैसा कि परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया था। कभी कभी वे परमेश्वर के साथ अपने विशेष वाचा का पालन करते थे, परन्तु अक्सर वे नहीं करते थे। सैकड़ों वर्षों से, परमेश्वर ने याजकों, भविष्यवक्ताओं, न्यायाधीशों और राजाओं को, अपने विशेष दूतों के रूप में इस्राएल को वाचा के नियमों का पालन करने में मदद करने के लिए, प्रदान किया। उन्हें पूरी दुनिया में याजकों का राष्ट्र बनना था, और उन्हें अपनी शुद्धता के द्वारा दुनिया को दिखाना था कि उनका परमेश्वर कितना भला है। इस्राएल के राजाओं में से एक राजा दाऊद था। परमेश्वर निकट था। कल्पना कीजिए कि यह जानना कितना आश्चर्यजनक होगा यदि परमेश्वर कहता है कि आपका हृदय केवल उसके अपने जैसा ही था। ठीक है, आप हो सकते हैं। परमेश्वर आपको उसके जैसा हृदय दे सकता है। उसने अपने दास दाऊद के साथ ऐसा ही किया था। परमेश्वर ने उसके साथ एक विशेष वाचा बनाई। उसने वादा किया था कि दाऊद राजा के वंशज हमेशा के लिए परमेश्वर के चुने हुए राष्ट्र के सिंहासन पर राज करेंगे। दाऊद राजा ने सोचा होगा कि यह सिंहासन उस सिंहासन के नमान होगा जो पृथ्वी पर था। परमेश्वर का वादा उससे कहीं अधिक था। यीश दाऊद के राजा होने के हजार वर्ष बाद आया, और यीशु दाऊद के वंशजों में से एक था। यीशु की मृत्यु के बाद और फिर जी उठने के बाद, वह स्वर्ग में चढ़ गया। वह परमेश्वर पिता के दाहिने हाथ पर स्वर्ग में सिंहासन पर बैठा है। वह अनंत काल के लिए शासन करेगा!

इस्राएल देश के वादे के देश में प्रवेश करने के पांच सौ वर्ष बाद दाऊद राजा के रूप में आया। फिर भी इस्राएल के लोग तम्बू या मंदिर में उपासना कर रहे थे, जिस प्रकार उन्होंने मरुभूमि में किया था। दाऊद राजा को यह पसंद नहीं आया। उसने कहा कि यह गलत या कि वह एक भव्य महल में रहता है, जबकी परमेश्वर की विशेष उपस्थिति का स्थान एक नम्बू था। परमेश्वर ने दाऊद से कहा कि वह राजा बनने के बाद एक महान मंदिर बनाने के लिए दाऊद के पुत्र सुलैमान को नियुक्त करेगा। दाऊद अपने पुत्र के लिए सामग्री जमा करने लगा ताकि जैसे ही वह राजा बने वह तुरंत मंदिर का निर्माण शुरू कर सके जब दाऊद राजा बहुत बूड़ा हो गया, तो उसने सुलैमान को नए राजा के रूप में नियुक्त किया। सुलैमान ने यहोवा के लिए एक शानदार मंदिर बनाया। सुलैमान का मंदिर के बीच में एक पवित्र कमरा बनाया गया जिसे अति पवित्र स्थान कहा जाता है। वाचा का सुनहरा सन्दूक वहां रखा गया था। यह अपने पवित्र राष्ट्र के सम्मुख परमेश्वर की विशेष, शक्तिशाली उपस्थिति का स्थान था ।

मंदिर इस्राएल देश के लिए आराधना का नया केंद्र था। इसे बनाने में सात वर्ष लग गए। जब यह पूरा हो गया, तब इसाएल के सभी लोग एक महान पर्व मनाने के लिए आए अपने परमेश्वर के सम्मान में बनाए गए जबरदस्त नए मंदिर को देख कर उन्होंने संगीत और बलिदान के साथ परमेश्वर की आराधना की। जब वे पर्व मना रहे थे, उन्होंने मंदिर में एक चमकदार बादल की तरह परमेश्वर की महिमा को नीचे आते देखा जो सुनहरे सन्दूक के कवर पर, अति पवित्र स्थान पर उतरा, जो परमेश्वर का अनुग्रह का सिंहासन है। । वाह। परमेश्वर निकट था।

प्रति वर्ष लोग विशेष पर्वो के लिए जिन्हें परमेश्वर ने नियुक्त किया था, मंदिरों में अपने बलिदान को लेकर आते थे। परमेश्वर की भलाइयों को मनाने के लिए महान पर्व और उत्सव मनाया जाता था।