पाठ 2 : दैवीय आदेश 2

बाइबिल में, परमेश्वर हमें यह कहानी बताते हैं किकिस प्रकार पूरे इतिहास में उस मानवजाति के साथ सम्बन्ध बनाने में लगे रहे जिसे उन्होंने अपने लिए सृजा था। उन्होंने मानवजाति के लिए सारे भ्रमांड को बनाया, जिसमें सितारों का वैभव और प्रकृति कि सुंदरता को हमारे आनन्द के लिए डाला। बाइबिल हमें बताती है कि किस प्रकार परमेश्वर इतिहास में पहले मनुष्य, आदम और हव्वा के समय से और अब तक, अपना कार्य कर रहे हैं। और हमें यह भी बताती है कि किस प्रकार परमेश्वर, जब तक वह एक नया स्वर्ग और नयी पृथ्वी नहीं बनाता, अपने प्रेम को मानवजाति के प्रति दिखाता रहेगा! 

बाइबिल आरम्भ में हमें बताती है कि परमेश्वर ने संसार को कैसे बनाया। परन्तु परमेश्वर सृष्टि को बनाने से पहले क्या कर रहे थे? वह अनंतकाल है, इसीलिए उसका कोई आदि और अंत नही है। वह हमेशा से था और हमेशा रहेगा भी। चाँद, ग्रह और मनुष्य होने से पहले वह क्या कर रहा था?

बाइबिल हमे परमेश्वर के विषय में अधिक नहीं बताती कि वह सृष्टि के रचने से पहले क्या करते थे। बाइबिल मनुष्य के लिए इसलिए लिखी गई ताकि परमेश्वर के साथ के रिश्ते को समझा सके और हम उसके निकट रह सकें। उसने यह आवश्यक नहीं समझा कि हम यह जानें की वह हमारे होने से पहले वह क्या करता था।  

क्या आपने कभी एक कुत्ते को पढ़ना सिखाया है? क्या कभी किसी फूल को गीत गाना सिखाया है? क्यूँ नहीं? अगर इंसान पढ़ सकता है और गा सकता है तो एक कुत्ता या फूल क्यूँ नहीं? क्या यह एक मूर्खतापूर्ण प्रश्न नहीं है? कुत्ते और फूल मनुष्य से बहुत भिन्न हैं। ऐसी बहुत सी बातें हैं जो हम कर सकते हैं और वे नहीं।  

इसी प्रकार से, ऐसी बहुत सी बातें हैं जो परमेश्वर कर सकता है लेकिनहम मनुष्य नहीं। मनुष्य और एक कुत्ते और फूल में बहुत बड़ा अंतर है। मनुष्य और सर्वशक्तिमान परमेश्वर केबीच और भी बड़ा अंतर है। ऐसी बहुत सी बातें हैं जो हम नहीं समझ सकते लेकिन हमारा परमेश्वर समझता है और हम उस पर भरोसा कर सकते हैं। हम यह नहीं समझ सकते की सृष्टि को रचने से पहले परमेश्वर का असतित्व क्या था, परन्तु वह था। वह हमेशा से था। वाह। 

बाइबिल बताती है कि सृष्टि को रचने से पहले परमेश्वर ने कुछ बातें कीं। उसने पहले से ही स्वर्गदूतों को बना दिया था। वे उसके सुन्दर सेवक और संदेशवाहक भी थे। वे जीवित प्राणी हैं और कभी नहीं मरते। वे उसके सिंघासन के चारों ओर घूम घूम कर उसकी उपासना करते हैं और ख़ुशी से उसकी आज्ञा मानते हैं। सृष्टि के रचने से पहले, स्वर्ग में हज़ारों स्वर्गदूत थे जो आनंद के साथ गीत गाते और सिद्ध सेवा करते थे। कल्पना कीजिये कि कितनी शानदार जगह होगी! कुछ भी बुरा नहीं होता था। वहां न कोई दुःख या बुराई या मृत्यु थी। परमेश्वर कि महिमा किज्योति के अंतर्गत सभी स्वर्गीय जीवन उत्तेजित रहता था।

फिर कुछ बहुत ही भयानक और दुखद हुआ। यह सभी बुरी बातों किशुरुआत थी। लूसिफ़र नामक एक शक्तिशाली फरिश्ता था। परमेश्वर ने उसे महान शक्ति और सौंदर्य दिया था। सभी स्वर्गदूतों में सबसे ऊपर था। इसके बजाय वह परमेश्वर का आभारी होता, उसने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह करने का फ़ैसला किया। लूसिफ़र परमेश्वर की जगह स्वयं शासन करने के लिए सत्ता चाहता था। वह स्वर्ग के सिंहासन पर बैठना चाहता था। सो उसने हर तीसरे स्वर्गदूत को परमेश्वर के विरुद्ध कर दिया और अच्छे स्वर्गदूतों के विरुद्ध युद्ध किया। 

क्यों? क्यों कोई भी दूत, परमेश्वर की महिमा, उज्ज्वल पवित्रता के उज्ज्वल पूर्णता में रहने वाला उसका विद्रोह करना चाहेगा? हम नहीं जानते। दुनिया के इतिहास में सबसे बुद्धिमान लोगों ने हजारों साल से यह सवाल पूछा है। यह नहीं समझ में आता। लेकिन उन्होंने किया। बुरे स्वर्गदूतों ने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया और परमेश्वर के प्रति वफ़ादार उन पवित्र स्वर्गदूतों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। 

अब हम उन बुरे स्वर्गदूतों को राक्षस कहते हैं, और लूसिफ़र शैतान कहा जाता है। वह उनका नेता कहलाता है। वे परमेश्वर के दुश्मन हैं, और वे वह सब कुछ नष्ट करने की कोशिश करते हैं जिससे की परमेश्वर प्रेम करता है। लेकिन परमेश्वर के पवित्र स्वर्गदूत पूरी तरह से अपने प्रभु के लिए वफ़ादार रहते हैं। वे केवल उसके आज्ञाकारी रहना चाहते हैं। अक्सर, वे हमारी मदद करके परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं। हम उन्हें देख नहीं सकते, लेकिन वे यहाँ हैं। बाइबिल में, परमेश्वर ने अक्सर पृथ्वी पर अपने लोगों को अपने संदेश को लाने के उपदेश से अपने स्वर्गदूतों को भेजा। हम बहुत जल्द ही उस के बारे में अद्भुत कहानियों में पढ़ेंगे। 

परमेश्वर ने स्वर्गदूत बनाए, और उसने स्वर्ग से बुरे और विद्रोही को निकाल बाहर किया। लेकिन पूरे समय कुछ और ही चल रहा था। वह किसी चीज़ के लिए योजनाएं बना रहा था। वह कुछ अजीब करने जा रहा था। वह हमारे भ्रमांड को बनाने जा रहा था जिस कि योजना उसने बहुत पहले ही कर ली थी। वह हर एक प्राणी के विषय में जानता था की वह कैसा होगा और क्या करेगा। वह जानता था की वो मनुष्य को कैसे सृजेगा और कैसे वह पाप में गिरेगा। वह जनता था की कैसे मानवजाति को अपना प्रेम प्रकट करने के लिए अपने बेटे को उनके पापों के लिए भेजेगा। 

सोचिये यह आपके लिए क्या मायने रखता है। सृष्टि को बनाने से पहले से ही परमेश्वर आपका नाम जानता था। यदि आप अपना भरोसा उस पर रखते हैं तो, इसका अर्थ यह है किउसने सूरज बनाने से पहले ही आपको चुन लिया था और आपको अपनी संतान बना लिया था। समय से पहले ही उसने आपसे प्रेम किया! उसने पूरी सृष्टि की रचना की और वो दुनिया जहां वह आपको आपके पापों से छुटकारा दिलाने के लिए अपने सिद्ध पुत्र की महिमा कर सके और आपको अपनी ज्योति और प्रेम में ला सके। क्या यह अद्बुद्ध नहीं है?

बाइबिल बहुत से कारणों के लिए एक अद्बुद्ध कहानी है। इसकी वजह यह है कि यह सब बातों के निर्माता के विषय में बताती है जो बहुत अद्भुत है। यह पूरे मानव इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण कहानी को बताती है इसीलिए यह शानदार है। यह एक अविश्वसनीय कहानी है क्यूंकि यह जीवित परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह जो दुनिया का उद्धारकर्ता है उसकी शानदार सुंदरता और महिमा प्रदर्शित करता है। आप और मैं इस का एक हिस्सा हैं इसीलिए यह एक अनमोल कहानी है। हम उस अद्भुत परमेश्वर से प्यार करते हैं, और हम उसे वापस उसके बारे में जानने के लिए कहानी पढ़ सकते हैं और उससे प्रेम कर सकते हैं। 

परमेश्वर कि कहानी पर अध्ययन। 

क्या आप परमेश्वर की भव्य, शक्तिशाली प्यार की महानता को समझ सकते हैं? बाइबिल में धर्मी पुरुषों कि ऐसी सुन्दर प्रार्थनाएँ हैं जो उन्होंने अन्य विश्वासियों के लिए की ताकि वे परमेश्वर के उस प्रेम को जना सकें जो सब समझ से परे है। परमेश्वर का प्रेम हमारी समझ से कहीं अधिक बड़ा है। परमेश्वर चाहता है कि हम एक दूसरे के लिए उस के लिए प्रार्थना करें। आप अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य (एक साथ संभव हो तो) के लिए प्रार्थना करें कि वे परमेश्वर के महान, गहरे, और कीमती प्रेम को समझ सकें? 

अपनी दुनिया, अपना परिवार स्वयं पर लागू करना। 

परमेश्वर आपसे इतना गहरा प्रेम करता है किउसने समय से पहले से ही आपसे प्रेम किया है। उसने अपने एक लौते पुत्र को आपके लिए मरने भेजावह आपसे सम्बंधित और लोगों से भी ऐसे ही प्रेम करता है। उसके विशेष बच्चे के रूप में, वो कैसे चाहेगा की आप दूसरों के साथ व्यवहार करें? ऐसा कौन सा कारण है जो हमारे पड़ोसियों से प्रेम करना कठिन बना देता है? क्या कोई विशिष्ट लोग हैं जिन को प्रेम दिखाना आपके लिए कठिन है? 

क्या ऐसे कोई तरीके हैं जो परमेश्वर चाहता है कि आप अपने परिवार के लोगों को अधिक से अधिक प्रेम दिखाएँ? आप अपने पड़ोस या स्कूल में लोगों को अधिक से अधिक प्यार दिखा सकते हैं? क्या कोई ऐसी बात है जो आपको छोड़ देनी चाहिए क्यूंकि उससे प्रेम प्रकट नहीं होता? 

हमारे जीवते परमेश्वर के प्रतिहमारा प्रतिउत्तर। 

परमेश्वर कि स्तुति करने का यह एक महान समय है! आप कैसे एक परिवार के रूप में (या अपने दम पर) परमेश्वर के लिए अपने प्यार को दिखाते हैं? आप इसे एक तस्वीर खींच कर या एक कविता लिख कर दिखा सकते हैं? आप एक स्तुति गीत गा सकते हैं या नाच सकते हैं। या हो सकता है कि आप सबसे अच्छा शांत में प्रार्थना के माध्यम से अपने प्यार को दिखाते हैं। परमेश्वर आपसे प्यार करता है, और वह प्रसन्न होता है जब आप उसके पास धन्यवाद की आराधना लेकर आते हैं!