पाठ 11 : बेलशस्सर और दीवार पर अभिलेख

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दानिय्येल में अगली कहानी नबूकदनेस्सर के पागल हो जाने के तीस वर्ष के बाद लिखी गयी I नबूकदनेस्सर का परमेश्वर को आदर और स्तुति देने के बाद, उसे एक राजा के रूप में और अधिक अधिकार और महिमा दी गयी I परन्तु दानिय्येल नबूकदनेस्सर से ज्यादा जीवित राजा, और जब उसकी मृत्यु हुई, राजा के बेटे ने उसका स्थान ग्रहण किया I बेलशस्सर सिंहासन का वारिस बना I उसका समय एक राजा के रूप में इतना शानदार नहीं था जितना नबूकदनेस्सर का था I

 

क्या आपको मूर्ति के विषय में वह स्वप्न याद है जो परमेश्वर ने नबूकदनेस्सर को दिया था ? सोने का सर बाबेल का साम्राज्य होना था, परन्तु उसे अन्य साम्राज्य के द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना था I स्वप्न में, मूर्ति की चांदी की छाती मादी फारसी साम्राज्य था, और जब दानिय्येल ने स्वप्न का अनुवाद किया था, उसने बताया था कि एक दिन, वे बाबेल के ऊपर राज्य करेंगे I वह समय आ गया था I वह परमेश्वर का उनके लिए उद्देश्य था कि वे संसार में सबसे शक्तिशाली साम्राज्य में अपने स्थान को ग्रहण करें I

जिस प्रकार ये विप्लव संबंधी घटनाएँ बाबेल की ओर बढ़ रही थीं, बेलशस्सर राजा जश्न मना रहा था I वह एक बहुत बड़ी दावत थी जिसमे सबसे उत्तम भोजन और दाखरस बहुतायत से था I बाबेल के हज़ारों महान पुरुष और स्त्रियाँ मद्यपान के उत्सव में आमंत्रित थे और वे मतवालेपन और दुर्व्यवहार में पूरी तरह से शामिल हो गए थे I बेलशस्सर ने दाखमधु पीते हुए अपने सेवकों को सोने और चाँदी के प्याले लाने को कहा। ये वे प्याले थे जिन्हें नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम के परमेश्वर के पवित्र मन्दिर से लिया था। कई वर्षों से वे नबूकदनेस्सर के देवता के मंदिर में एक खज़ाने के घर में रखे हुए थे I इस्राएल के लोगों ने इन बहुमूल्य बर्तनों को अति पवित्र परमेश्वर की उपासना करने के लिए रखे थे I वे पवित्र थे और परमेश्वर के मंदिर में अति पवित्र स्थान के लिए अलग किये गए थे, जो पृथ्वी पर उसका महिमामय महल था I

बेलशस्सर ने बाबेल के अधिकारीयों को दाखरस पीने के लिए प्याले दिए और बाबेल की देवताओं और मूर्तियों की स्तुति की I उनके देवता मिट्टी के बने थे, वे सोने, चांदी और कांसे के बने थे I कुछ तो लकड़ी और पत्थर के बने थे I वे सब मनुष्य के हाथों के बने हुए थे I बाबेल के पियक्कड़ अधिकारीयों ने उन प्यालों को लिया जिन्हें महान परमेश्वर, जो पूरी सृष्टि का सृष्टिकर्ता है, की स्तुति के लिए बनाया था, और उन्होंने हाथ के बने देवताओं की स्तुति करने के लिए उपयोग किया I यह इस्राएल के परमेश्वर का कितना बड़ा अपमान है I यह उस पर आक्रमण करने का तरीका था I बेलशस्सर दिखा रहा था कि उसके देवता और मूर्तियाँ अन्य राष्ट्र के परमेश्वर, विशेषकर के इस्राएल के परमेश्वर से बहुत ऊपर हैं I क्योंकि उसी परमेश्वर ने भविष्यवाणी की थी कि बाबेल मादी फारसी के हाथों में गिरेगा, और बेलशस्सर ने उसके पिता के स्वप्न का दानिय्येल द्वारा अनुवाद को पसंद नहीं किया था I बेलशस्सर ने परमेश्वर की भविष्यवाणी का इंकार किया था और उसकी बेशर्मी के साथ अवहेलना की I उसने बाबेल के देवताओं पर विश्वास किया I

 

फिर भी शहर पनह के बिलकुल बाहर, फारसी सेना इंतजार कर रही थी I उन्होंने युद्ध के द्वारा उस देश में प्रवेश किया I कुछ दिन पहले ही, उनकी सेना ने बाबेल की सेना के ऊपर विजय प्राप्त की थी I केवल एक ही चीज़ थी जिसे जीतना था और वह था स्वयं बाबेल का शहर (मिलर, 150-151)I कितने आश्चर्य की बात है कि इसके द्वारा भी बेलशस्सर नम्र नहीं हुआ I उसने उन अद्भुत कहानियों को स्मरण नहीं किया जिनमें इस्राएल के परमेश्वर ने नबूकदनेस्सर के लिए किया था I उसने उस परमेश्वर को ना पुकारा या उसे महिमा दी जिसने नबूकदनेस्सर को उसके पागलपन से चंगा किया था I बजाय, उसने जानबूझकर परमेश्वर का अपमान किया I

बाबेल के अधिकारी दाखमधु पी रहे थे और परमेश्वर के पवित्र पत्रों के द्वारा अपने देवताओं की स्तुति कर रहे थे I अचानक कुछ बहुत अजीब होने लगा I भोज दीवार की एक ओर एक दीवट था जो उसे प्रकाश दे रहा था I उसी समय अचानक किसी पुरूष का एक हाथ प्रकट हुआ और दीवार पर लिखने लगा। जब राजा ने उस हाथ को देखा, डर से उसका मुख पीला पड़ गया और उसके घुटने इस प्रकार काँपने लगे कि वे आपस में टकरा रहे थे। उसके पैर इतने बलहीन हो गये कि वह खड़ा भी नहीं रह पा रहा था। राजा ने तांत्रिकों और कसदियों को अपने पास बुलवाया और उनसे कहा, “’मुझे जो कोई भी इस लिखावट को पढ़कर बताएगा और मुझे उसका अर्थ समझा देगा,मैं उसे राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शासक बना दूँगा!‘”

राजा इतना बेकरार हो गया कि उसने सबसे उच्च पुरुस्कार देने का वादा किया I उसके शहर के बाहर सेना थी, और अब कोई दिव्य हाथ ने एक सन्देश लिखा I वह कौन हो सकता था ? बाबेल के ज्ञानी लोग बैंक्वेट हॉल में आए और दीवार पर लिखे शब्दों को देखा, परन्तु वे नहीं समझ पाए की वह क्या है I राजा इससे और भयभीत हुआ I नशे में धुत रईस घबराये हुए और उलझन में थे I वे बिलकुल मदद नहीं कर पाए I

 

रानी ने सुना की दावत के हॉल में क्या हो रहा है और वह देखने के लिए आ गयी I उसने कहा, “हे राजा, चिरंजीव रह! डर मत! तु अपने मुहँ को डर से इतना पीला मत पड़ने दे! देख, तेरे राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है जिसमें पवित्र ईश्वरों की आत्मा बसती है। तेरे पिता के दिनों में इस व्यक्ति ने यह दर्शाया था कि वह रहस्यों को समझ सकता है। उसने यह दिखा दिया था कि वह बहुत चुस्त और बुद्धिमान है। उसने यह प्रकट कर दिया था कि इन बातों में वह ईश्वर के समान है। तेरे दादा राजा नबूकदनेस्सर ने इस व्यक्ति को सभी बुद्धिमान पुरूषों पर मुखिया नियुक्त किया था। वह सभी तांत्रिकों और कसदियों पर हुकूमत करता था।  मैं जिस व्यक्ति के बारे में बातें कर रही हूँ उसका नाम दानिय्येल है। किन्तु राजा ने उसे बेलतशस्सर का नाम दे दिया था। बेलतशस्सर (दानिय्येल) बहुत चुस्त है और वह बहुत सी बाते जानता है। वह स्वप्नों की व्याख्या कर सकता है। पहेलियों को समझा सकता है और कठिन से कठिन हलों को सुलझा सकता है। तू दानिय्येल को बुला। दीवार पर जो लिखा है, उसका अर्थ तुझे वही बतायेगा।”