पाठ 19: सुंदर नामक फाटक पर बैठा भिखारी

पतरस और यूहन्ना सुलैमान के ओसारे नामक मंदिर के द्वार में गए। वह भिखारी जिसे पतरस ने फाटक पर, जिसे सुंदर कहा जाता था, अभी अभी ठीक किया था, वह पतरस और यूहन्ना को पकड़े हुए अद्भुत काम के लिए परमेश्वर की प्रशंसा कर रहा था। जैसे ही मंदिर की भीड़ को मालूम हुआ, वे सब वहां दौड़े चले आए जहाँ वे तीनों खड़े हुए थे। पतरस ने उस भीड़ की ओर देखा जो वहां जमा जो गयी थी और कहा;

"हे इस्राएल के लोगों, तुम इस बात पर चंचित क्यों हो रहे हो? ऐसे घूर घूर कर हमें क्यों देख रहे हो, जैसे मानो हमने ही अपनी शक्ति या भक्ति के बल पर इस व्यक्ति को चलने फिरने योग्य बना दिया है। दब्राहीम इसहाक और याकूब के परमेश्वर, हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ने अपने सेवक यीशु को महिमा से मण्डित किया। और तुमने उसे मरवा डालने को पकड़वा दिया। और फिर पिलातूस के द्वारा उसे छोड़ दिये जाने का निश्चय करने पर पिलातूस के सामने ही तुमने उसे नकार दिया। उस पवित्र और नेक बंदे को तुमने अस्वीकार किया और यह मांगा कि एक हत्यारे को तुम्हारे लिये छोड़ दिया जाये। लोगों को जीवन की राह दिखाने वाले को तुमने मार डाला किन्तु परमेश्वर ने मरे हुओं में से उसे फिर से जिला दिया है। हम इसके साक्षी हैं।"हे भाईयों, अब मैं जानता हूँ कि जैसे अनजाने में तुमने वैसा किया, वैसे ही तुम्हारे सरदारों ने भी किया। परमेश्वर ने अपने सब भविष्यवक्ताओं के मुख से पहले ही कहलवा दिया था कि उसके मसीह को यातनाएँ भोगनी होंगी। उसने उसे इस तरह पूरा किया।

"इसलिये तुम अपना मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ ताकि तुम्हारे पाप धुल जायें। ताकि प्रभु की उपस्थिति में आत्मिक शांति का समय आ सके और प्रभु तुम्हारे लिये मसीह को भेजे जिसे वह तुम्हारे लिये चुन चुका है, यानी यीशु को । मसीह को उस समय तक स्वर्ग में रहना होगा जब तक सभी बातें पहले जैसी न हो जायें जिनके बारे में बहुत पहले से ही परमेश्वर ने अपने पवित्र नबियों के मुख से बता दिया था। मूसा ने कहा था, 'प्रभु परमेश्वर तुम्हारे लिये, तुम्हारे अपने लोगों में से ही एक मेरे जैसा नवी खड़ा करेगा। वह तुमसे जो कुछ कहे, तुम उसी पर चलना, और जो कोई व्यक्ति उस नदी की बातों को नहीं सुनेगा, उनको पूरी तरह नष्ट कर दिया जायेगा।

शमूएल और उसके बाद आये सभी नबियों ने जब कभी कुछ कहा तो इन ही दिनों की घोषणा की। और तुम तो उन नबियों और उस करार के उत्तराधिकारी हो जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे पूर्वजों के साथ किया था। उसने इब्राहीम से कहा था, 'तेरी संतानों से धरती के सभी लोग आशीर्वाद पायेंगे। परमेश्वर ने जब अपने सेवक को पुनर्जीवित किया तो पहले पहले उसे तुम्हारे पास भेजा ताकि तुम्हें तुम्हारे बुरे रास्तों से हटा कर आशीर्वाद दे । (सन्देश पृष्ट 246-247) जब पतरस और यूहन्ना बोल रहे थे, धार्मिक अगुवे और मंदिर के गार्ड वहां आए । वे क्रोधित हुए कि प्रेरितों ने मंदिर में आकर लोगों को यीशु के विषय में और उसके पुनरुत्थान के विषय में बताने की हिम्मत की। उन्होंने न केवल यीशु को मार डालने में मदद की थी, परन्तु उनका मानना था कि मृत्यु के बाद किसी के लिए भी कोई जीवन नहीं था। वे नहीं चाहते थे कि मंदिर में इसके विषय में पढ़ाया जाए, विशेषकर मसीह के चेलों के द्वारा! धार्मिक अगुएं चाहते थे कि पतरस और यूहना को

उसी प्रकार मार डाला जाए जिस प्रकार उन्होंने यीशु को मारा था। एकमात्र समस्या यह थी कि उस दिन के लिए बहुत देर हो चुकी थी। मौत के दण्ड के लिए निर्णय संध्या के बलिदान से पहले किया जाता था। संध्या के बलिदान पहले ही समाप्त हो चुके थे। याजक और धर्म के अगुओं ने अगले दिन तक प्रतीक्षा करने का फैसला किया ताकि वे पतरस और यूहन्ना को मार सकें (एनआईवी पृष्ट 1690) । उनके हृदय मसीह की सच्चाई के विरुद्ध कठोर थे। यहूदी अगुआ ने रोमी गार्ड को आजादी की वे पतरस और यूहन्ना को रात में जेल में डाल दें ताकि वे अगले दिन उनकी सुनवाई हो सके। परन्तु कई अन्य लोगों ने उन सभी बातों को सुना जो पतरस मसीह में नए जीवन के विषय में बता रहा था। बहुतों ने विश्वास किया। उस दिन मसीह के चेलों की संख्या लगभग पांच हजार तक पहुंच गई, और यह केवल पुरुषों की गिनती थी। एनआईबी पृष्ट 1690)