पाठ 12: दो शहरों की एक कहानी भाग 2

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समय का अंत आने से पहले, महान आनन्द के समय से पहले, जब सभी आँसू हमेशा के लिए पोछ दिए जाएंगे, तो विश्वासयोग्य विश्वासी जो यहोवा पर भरोसा करते हैं, उन्हें एक बहुत ही पापी पृथ्वी पर रहना होगा । उन्हें मानव जाति पर परमेश्वर के न्याय के माध्यम से जीना होगा । उन्हें धीरज के विश्वास के साथ उस सुंदर दिन के लिए प्रतीक्षा करना होगा, जब परमेश्वर सब कुछ नया कर देगा ।

लेकिन जब तक वे पृथ्वी पर होने वाली सभी कठिन बातों के माध्यम से जीते रहेंगे, वे गहरी शांति और खुशी पा सकते हैं क्योंकि वे पहले से ही अपने स्वर्गीय परमेश्वर के निकट थे । ऐसा लगता है कि धरती पर बचे हुए लोग अपने ही एक विशेष, पवित्र शहर में रहते हैं । यह ईंट और धातु के साथ बनाया नहीं गया है I यह एक आध्यात्मिक शहर है । इसकी "दीवार" असली दीवार नहीं हैं I उनकी सुरक्षा परमेश्वर की सामर्थ है I वह उनकी एक दीवार की तरह रक्षा करता है I वह अपने पवित्र चुने हुए बच्चों को एक किले शहर की तरह चारों ओर से घेरे रहता है । वही है जो उन्हें मुक्ति देता है ! एक व्यक्ति परमेश्वर के सुरक्षात्मक प्रेम के शहर में उस पर विश्वास करके ही प्रवेश कर सकता है । ये यशायाह के शब्द हैं;        

 “यहोवा हमें मुक्ति देता है।
    हमारी एक सुदृढ़ नगरी है।
हमारे नगर का सुदृढ़ परकोटा और सुरक्षा है।

हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है।
    तू उनको शान्ति दिया करता है,
    जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।

 अत: सदैव यहोवा पर विश्वास करो।
    क्यों क्योंकि यहोवा याह ही तुम्हारा सदा सर्वदा

के लिये शरणस्थल होगा!

खरापन खरे लोगों के जीने का ढंग है।
    खरे लोग उस राह पर चलते हैं जो सीधी और सच्ची होती है।
परमेश्वर, तू उस राह को चलने के लिये सुखद व सरल बनाता है।
 किन्तु हे परमेश्वर! हम तेरे न्याय के मार्ग की बाट जोह रहे हैं।
    हमारा मन तुझे और तेरे नाम को स्मरण करना चाहता है।
 मेरा मन रात भर तेरे साथ रहना चाहता है और मेरे अन्दर की आत्मा हर नये दिन की प्रात...

हे यहोवा, हमको सफलता तेरे ही कारण मिली है।
    सो कृपा करके हमें शान्ति दे।“
   

                    यशायाह 26:1ब; 3-4; 7-9अ; 12                           

यहोवा जानता है कि अभी भी पृथ्वी पर रह रहे मनुष्यों के लिए, प्रतीक्षा करना बहुत लंबा और कष्टदायक हो सकता है । जब उनके चारों ओर बुरा हो रहा है, जब अन्य लोग उनके साथ क्रूरता दिखाते हैं, जब वे बीमार और थके हुए हैं, तो परमेश्वर पर भरोसा रखना मुश्किल है । आशा रखना बहुत कठिन है I जब यशायाह के समय में इस्राएल के वफादार लोग या आज धरती पर विश्वासयोग्य विश्वासियों को कष्टों से गुज़रना पड़ता है, जब हम अपने और दूसरों के पापों के विरुद्ध संघर्ष करते हैं, तो एक दुख होता है ! इस्राएल के धर्मी बचे हुए लोग प्रतीक्षा कर रहे थे, और हम उस दिन की प्रतीक्षा करते हैं, जब परमेश्वर इस अभिशाप के भयानक युग को समाप्त करेगा । एक दिन, परमेश्वर मानवता के भयंकर पापों और शैतान की बुराई की शक्ति का अंत करेगा I वह एक सही शांति और खुशी के नए युग की शुरुआत करेगा ! इसी तरह मसीह सभी बुराइयों का विनाश करेगा:

“यहोवा अपने स्थान को तजेगा
    और वह संसार के लोगों के पापों का न्याय करेगा।
उन लोगों के खून को धरती दिखायेगी जिनको मारा गया था।
    धरती मरे हुए लोगों को और अधिक ढके नहीं रहेगी।

उस समय, यहोवा लिब्यातान का न्याय करेगा जो एक दुष्ट सर्प है।
    हे यहोवा अपनी बड़ी तलवार,
अपनी सुदृढ़ और शक्तिशाली तलवार, कुंडली मारे सर्प लिब्यातान को मारने में उपयोग करेगा।
    यहोवा सागर के विशालकाय जीव को मार डालेगा।

यशायाह 26:21-27:1

 

यहोवा का दिन आ जाएगा, और वह दुनिया में सारी बुराई को नष्ट कर देगा ! पापी मनुष्य जो परमेश्वर पर भरोसा करने से इनकार करते हैं उन्हें दंडित किया जाएगा । शैतान, जो सर्प है, महान लेविथान और परमेश्वर का दुश्मन हमेशा के लिए बहिष्कृत किया जाएगा । और जो लोग यहोवा पर भरोसा रखते हैं,  वे सुरक्षित होंगे । यशायाह के समय के शेष धर्मी जन और हमारे समय के धर्मी बचे हुए लोग परमेश्वर के साथ पूरी शांति के साथ जीयेंगे !