पाठ 10 : अभिशाप

परमेश्वर ने अपनी छवि में आदम और हव्वा को बनाया था, और अब यह टूट गया। यह उनके पाप के कारण बिखर गया था। परमेश्वर के साथ उनका विश्वास टूट गया था, और अब बुराई का बोझ उन पर था। वे दुष्टता की चाहत से बच नहीं सकते थे। वे ग़ुलाम हो गए थे। वे अब अपनी सम्पूर्णता से परमेश्वर की प्रतिक्रिया नहीं कर सकते थे। उन्हें परमेश्वर की खूबसूरती को प्रकट करना था, लेकिन अब वह प्रतिबिंब विकृत और कम हो जाएगी। सब कुछ बदल गया था, और अब परमेश्वर का न्याय उन पर था।शैतान से उसने कहा; 

 

"'तुने यह बहुत बुरी बात की।

इसलिए तुम्हारा बुरा होगा।
अन्य जानवरों की अपेक्षा तुम्हारा बहुत बुरा होगा।
तुम अपने पेट के बल रेंगने को मजबूर होगे।
और धूल चाटने को विवश होगा
जीवन के सभी दिनों में।
मैं तुम्हें और स्त्री को
एक दूसरे का दुश्मन बनाऊँगा।
तुम्हारे बच्चे और इसके बच्चे
आपस में दुश्मन होंगे।
तुम इसके बच्चे के पैर में डसोगे

और वह तुम्हारा सिर कुचल देगी।”

 

शैतान ने हव्वा के सामने अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए सांप का इस्तेमाल किया था, और अब यह एक शापित प्राणी था। शैतान को श्रापित करने में परमेश्वर के इन वचनों के बीच, एक अदबुध अनुग्रह की वास्तविकता दिखाई देती है। हव्वा स्त्री ने शैतान के साथ एक विश्वासघाती निष्ठा कर ली थी, लेकिन अब खुद परमेश्वर ने अपने लिए उसे मांग लिया था। वह इसके योग्य नहीं थी, फिर भी परमेश्वर की ओर से चुन ली गई थी। उसने आँख बंद करके और मूर्खता से अपने प्रेम को सांप को सौंप दिया था, लेकिन परमेश्वर ने उसकी ओर से कार्य किया।उन्होंने उसके दिल में सांप के लिए दुश्मनी डाल दी थी। उन्होंने उसकी इच्छाओं को और प्रेम को अपनी ओर कर लिया था ताकि वह परमेश्वर से प्रेम कर सके। वह अभी भी टूटी हुई थी, लेकिन वह परमेश्वर की हो गयी थी। 

 

पाप का अभिशाप मानव जाति पर अभी भी था। सभी मनुष्यों की मां और पिता ने ऐसा निर्णय लिया जो सभी पैदा होने वाले वंश पर कुल विनाश लाएगा। परन्तु परमेश्वर ने बीच में आकर इस विनाश पर प्रतिबंध लगा दिया। उस समय से लेकर सभी मानवजाति को निर्णय लेना होगा। क्या वे शैतान की संतान बनकर परमेश्वर के विरुद्ध अवज्ञा में रहना चाहते हैं? या फिर वे वो संतान बनकर रहना चाहते थे जैसा परमेश्वर ने चाहा, जो केवल उस पर निर्भर करे और विश्वास के साथ जीये। दोनों राज्य आने वाले समय तक आपस में लड़ाई करेंगे।

एक तरह से, शैतान सफल हो गया था। उसकी जीत हुई। मानवता एक भयानक अभिशाप के तहत किया गया था, और अब मानवता के दिलों के लिए एक निरंतर लड़ाई होगी। लेकिन परमेश्वर शानदार ढंग से बुद्धिमान और आश्चर्यजनक तरीके से चतुर भी है। वह सबसे भयंकर दुष्टता को अनुग्रह और दया के वास्तविकता में बदलने में सक्षम है। अभिशाप के बीच उसने एक उज्जवल आशा भी दी। यह संसार की आशा है। एक दिन, स्त्री के वंशज से एक बच्चा होगा। वह शैतान का सिर कुचलेगा और दुष्ट उसकी एड़ी को घात करेगा। परमेश्वर का सबसे महान शत्रु पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा, लेकिन मनुष्य उस विजय के लिए सदा उस चिन्ह के दाग़ को सहन करेगा। परमेश्वर उस स्त्री के द्वारा उसे लेकर आएंगे जो उस अभिशाप को ख़त्म करेगा जो इस स्त्री के कारण आया था। 

 

परमेश्वर ने शैतान को दंड दिया, लेकिन शैतान ने अकेले अभिनय नहीं किया था। हव्वा को भी उसका परिणाम भुगतना होगा। 

 

"उन्होंने हव्वा से कहा, 

"'मैं तेरी गर्भावस्था में तुझे बहुत दुःखी करूँगा

और जब तू बच्चा जनेगी
तब तुझे बहुत पीड़ा होगी।
तेरी चाहत तेरे पति के लिए होगी

किन्तु वह तुझ पर प्रभुता करेगा।'"

 

परमेश्वर ने जब स्त्री को बनाया, उन्होंने उसे दुनिया में नया जीवन लाने का एक अविश्वसनीय उपहार दिया था। इसीलिए शैतान उससे इतना बैर करता है! वह अपने अंदर से नई आत्मा, और नन्हे बच्चों को जन्म देगी जो परमेश्वर कि छवि में होंगे। जो प्रेम वह अपने पति के साथ बाटेगी उसी के द्वारा यह सब आश्चर्य कर्म होंगे। अब जब की अभिशाप आ गया था, वह सुन्दरता को बिगाड़ चुका था। बच्चे को जन्म देने में अत्यन्त पीड़ा होगी। अपने पति के साथ वह प्रेमभरा रिश्ता भी बदल गया था। अब वह उस पर प्रभुता करेगा। 

 

आदम से परमेश्वर ने कहा:

'"इसलिए मैं तुम्हारे कारण इस भूमि को शाप देता हूँ 
अपने जीवन के पूरे काल तक उस भोजन के लिए जो धरती देती है।
तुम्हें कठिन मेहनत करनी पड़ेगी।
तुम उन पेड़ पौधों को खाओगे जो खेतों में उगते हैं।

किन्तु भूमि तुम्हारे लिए काँटे और खर—पतवार पैदा करेगी।
तुम अपने भोजन के लिए कठिन परिश्रम करोगे।
तुम तब तक परिश्रम करोगे जब तक माथे पर पसीना ना आ जाए।
तुम तब तक कठिन मेहनत करोगे जब तक तुम्हारी मृत्यु न आ जाए।
उस समय तुम दुबारा मिट्टी बन जाओगे।
जब मैंने तुमको बनाया था, तब तुम्हें मिट्टी से बनाया था
और जब तुम मरोगे तब तुम उसी मिट्टी में पुनः मिल जाओगे।'”

 

जब परमेश्वर ने आदम को अपनी छवि में बनाया, उसे एक विशेष भूमिका दी गई। उसे परमेश्वर का सेवक राजा होकर सभी पशुओं पर राज करना था और भूमि पर चीज़ों को उगाना था। अब जब की अभिशाप आ गया था, आदम को परमेश्वर की सेवा करनी थी, परन्तु वह उस अभिशाप का हिस्सा हो चूका था। जो बातें आनंद और ख़ुशी को लाने कि थीं वे अब कठोर और दर्दनाक होंगी। दुष्ट उस सब को नष्ट कर चाहता है जो अच्छा है। सारी पृथ्वी भी शापित होगी और वह काटों और काँटेदार पौधों को पैदा करके आदम के नेक इरादों के विरुद्ध काम करेगा। और एक दिन, आदम मर कर मिटटी में मिल जाएगा। 

 

हम अपने आसपास नज़र डालें तो यह मनुष्य के लिए आज भी सच है। वह भयानक अभिशाप ना सिर्फ आदम और हव्वा पर आया, परन्तु यह सम्पूर्ण वंशजों पर भी गिर गया। इससे सभी मानवजाति के हृदय को बदल डाला जिससे की परमेश्वर कि छवि हर किसी में टूट गयी। हमें उस आदन कि वाटिका की आशीषों को पाने के लिए बनाया था, लेकिन हम पाप के उत्तराधिकार बन गए। यह अभिशाप उस सब चीज़ों पर भी आ गया जिस पर मानवता को राज करना था। ब्रह्मांड विकृत हो गया और पृथ्वी शापित। जो धरती प्रचुर मात्रा में फल प्रदान करने को थी अब उस में कठोर और शुष्क फल होंगे। जंगली पौधे उग कर अच्छे पौधों को नष्ट कर देंगे।अकाल आएगा और लोग महीनों और सालों तक भूखे रहेंगे। बिमारियों और कष्ट से मानवजाति, पशु पक्षी पीड़ित होंगे। मृत्यु सभी को आती है और सभी एक दिन मिटटी में मिल जाएंगे। 

 

यह ऐसा होना नहीं था। आदम और हव्वा के विद्रोह के कारण सारे दर्द और पीड़ा को नापना असंभव है जो हमारे ऊपर आई है। सारे ब्रह्मांड में अच्छाई, प्रकाश और आशा का एकमात्र स्रोत परमेश्वर ही है। उससे दूर रहने का मतलब है सभी आशीषों से दूर होना। जब पहले मनुष्य एक सिद्ध बगीचे में रह कर विफल रहे तो उनके लिए एक शापित दुनिया में रह कर क्या आशा थी?

 

परन्तु परमेश्वर जो सबसे दयालु है, सब आशीषों को देने में सक्षम है। अभिशाप के कारण जो भी दुष्ट बातें आनी थीं परमेश्वर उन्हें समझता था, और इसीलिए उसके पास एक अकल्पनीय योजना थी। परमेश्वर इतिहास में कार्य कर के सब कुछ ठीक कर देगा। मानवजाति को वापस सही और सिद्ध करने में परमेश्वर को सालों साल लग जाएंगे जैसा कि उसने चाहा। वह योजना अभी भी जीवित है। एक प्रशन्न हर एक मनुष्य के लिए है कि क्या वह शैतान के पक्ष में खड़ा होगा या फिर परमेश्वर केपक्ष में। क्या वे परमेश्वर के विरुद्ध हो कर शैतान के वारिस ठहरेंगे? या फिर वे हव्वा के वारिस बनकर जो नम्र हो कर परमेश्वर के लिए विश्वास के साथ जिएंगे?

 

हर एक जन जो परमेश्वर के लिए उस जंग में शामिल होता है उसे पीड़ा के साथ जोखिम उठाना होगा। परमेश्वर के दुश्मन पर विजय पाने का यह उसका एक हिस्सा है, और वह बहुत शातिर है। वर्षों से यह युद्ध चला आ रहा है परन्तु अंतिम जीत निश्चित है। एक दिन, परमेश्वर वह सब कुछ बहाल करेगा।  

 

परमेश्वर की कहानी पर ... ध्यान। 

आदम और हव्वा के पाप ने पूरी दुनिया को अभिशाप से भर दिया था। परन्तु परमेश्वर ने हव्वा को पकड़ कर उसे परवर्तित कर दिया था। वे उसे स्वर्ग की लड़ाई की ओर ले आये थे। शान्ति में, परमेश्वर, उसके स्वर्गदूत, उस के बेटे और अनंतकाल के जीवन के विषय में सोचिये। अब एक पल के लिए शैतान, शैतानी ताक़तों, झूठी मूर्तियां और पाप के कारण आये क्लेश के विषय में सोचिये। अब गंभीरता के साथ सोचिये कि आप किसकी ओर होना चाहते हैं?

 

अपनी दुनिया, परिवार और स्वयं पर लागू करना 

इस दुनिया में रहते हुए हमें अभिशाप के साथ रहना पड़ रहा है। और वैसे ही सभी लोग भी। जब आप लड़ाई और बिमारियां या किसी के शरीर को टूटते हुए देखते हैं, या किसी भयंकर बिमारी के विषय में सुनते हैं, तब आप शैतान कि करतूतों को देखते हैं। कभी कभी उन लोगों को नीचे देखना कितना आसान होता है जो पाप के साथ संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन इस कहानी से, हम में से हर एक जान भयानक पाप और कमजोरी के साथ शापित है। जो प्रेम और अनुग्रह परमेश्वर ने हव्वा के प्रति दिखाया वही प्रेम और करुणा हम दूसरों के प्रति कैसे दिखा सकते हैं? क्या इसका अर्थ यह है की हम पाप करना ठीक है? नहीं। लेकिन दूसरों के प्रति यह कैसे बदला जा सकता है? क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोच सकते हैं जिसने आपके साथ गलत किया है? क्या आपने उन्हें उसी तरह क्षमा किया है जिस प्रकार परमेश्वर ने आपको माफ कर दिया है? 

 

हमारे जीवित प्रभु को प्रत्युत्तर देना 

हव्वा का आदम को उस महान विपत्ति कि ओर ले जाने के बाद भी परमेश्वर ने अपने अनुग्रह को उस पर न्योछावर किया। यदि वह सारे मानवजाति की माँ के साथ ऐसा कर सकता था, तो सोचिये हमारे साथ वो क्या कुछ ना करता। यीशु इसीलिए मरा ताकि जो कोई विश्वास करे वह शुद्ध हो सके। कल्पना कीजिये की आप स्वयं कैसे पाप और गन्ध के साथ परमेश्वर के सामने खड़े हैं। अब कल्पना कीजिये कैसे आपका उद्धारकर्ता आपको पूरी तौर से बर्फ से भी ज़्यादा सफ़ेद और शुद्ध करता है। क्या आप उसके लहू में शुद्ध होना महसूस कर सकते हैं? आप उससे क्या कहना चाहेंगे?

Jennifer Jagerson